पार्थिव शरीर देखते ही भारत माता की जय,बन्दे मातरम के नारों से गूंजा गांव

मनीष कुमार
मुंगेर : शहीद विशाल के गांव में जब पार्थिव शरीर पंहुचा तो पूरा गांव सन्न रह गया । सभी के जुवा पर एक ही बात अब कौन देखेगा इस दो मासूम बच्ची और पत्नी को । विशाल के दो पुत्री है, एक बड़ी जो स्कूल जाती है,बड़ी बेटी ने कहा कि कल पापा से बात हुई थी तो पापा बोले स्कूल चली जाना पढ़ने । वही विशाल की पत्नी ने कहा कि कल सोमवार की सुबह उनका फोन आया था तो बोले क्या कर रही हो, हम बोले अभी बच्चे को स्कूल जाने की तैयारी कर रहे है । हम बाद में बात करेंगे यह कहकर हम अपनी बड़ी बेटी को फोन दिए, वह बच्चों से बात कर के फोन रख दिए । फिर सोमबार की शाम को फोन आया, उधर से बोले आप बबिता कुमारी बोल रही है ,हम बोले हा। फिर फोन कट गया,फिर दोबारा फोन आया । विशाल की पत्नी बोल रहे है, हम बोले हा, तब बोले उन्हें गोली लगी है फिर मुझे बाद में पता चला कि वो अब इस दुनिया मे नही रहे । हम सुदबुद अपना खो दिए मगर मुझे फक्र है मेरे पति देश के लिए शहीद हुए है, मगर एक चिंता है अब मेरी दो बेटियों को कौन देखेगा।
शहीद विशाल के बड़े साला घनश्याम कुमार ने कहा कि इस परिवार पर पहाड़ टूट पड़ा है । वह देश के लिए शहीद तो हो गए ,मगर इन दो छोटी बच्ची को कौन देखेगा, किसके सहारे चलेगी जिंदगी। हम मांग करते है देश की सरकार से इस कांड में जो दोषी है उसे भी ऐसी ही सजा दी जाए और बिहार सरकार तथा केंद्र सरकार इस परिवार का आगे के लिए भरण-पोषण की समुचित व्यवस्था करे।
मुंगेर के हवेली खड़गपुर प्रखंड क्षेत्र के नाकी पंचायत के नाकी गांव निवासी सरयुग मंडल का 30 वर्षीय पुत्र विशाल कुमार उर्फ धर्मेंद्र जम्मू कश्मीर के मैसुमा लालचौक के समीप आतंकियों के एक कायराना हमले में शहीद हो गए। विशाल सीआरपीएफ जवान थे और कश्मीर में पोस्टेड थे। मैसुमा लालचौक कश्मीर में आतंकियों के छुप कर किए गए हमले में विशाल के शहीद होने का सामाचार सुनकर पत्नी सहित दो बेटी और परिजनों के अलावे पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया है। सोमवार की शाम विशाल के शहादत की सूचना गांव पहुंची तो सभी सन्न रह गए और गांव में मातम छा गया।विशाल 4 भाइयों में सबसे छोटा था। एक बड़ा भाई बीएमपी जवान है और एक भाई गांव में ही रहता है। विशाल के एक भाई की पिछले साल कोरोना से मौत हो गई थी। गांव के लोग आतंकी हमले में शहादत को प्राप्त हुए वीर रणबांकुर विशाल के निधन से काफी मर्माहत है।
वही शहीद विशाल के मझले भाई चन्द्रशेखर मंडल ने कहा कि अगर मेरे भाई शहीद हुए है, देश के लिए मुझे फक्र है अगर नही तो मुझे सबूत चाहिए कि रिअलिटी में शहीद हुआ है हम देश की सरकार से मांग करते है कि उन आतंकियों को भी इससे भी बड़ी सजा दे और देश से आतंकी को भगाए जिससे किसी पत्नी की मांग सुनी नही होगी।
वही शहीद के चाचा ने कहा कि मुझे फक्र है को वह देश के सेवा में शहीद हो गया है इसमें हम किया कह सकते है हम चाहते है कि मुझे भी देश की सेवा में सरकार ले ले ताकि हम भी देश के लिए शहीद हो जाए।
कल मंगलवार की देर रात जब शहीद विशाल का सब नाकि गांव पंहुचा तो ग्रामीणों तथा नौजवानों ने भारत माता की जय बन्दे मातरम के नारे लगाने शुरू कर दिए पूरा गांव विशाल के सब को देखने के लिए उतारू हो गया है,वही जब विशाल का शव उसके घर पंहुचा तो परिजनों में चीत्कार रोने की आवाज ऐसे निकली पूरा गांव रोना शुरू कर दिया । ग्रामीण एक दूसरे को आंखों में देख दबी जुवान से मन ही मन गुनगुनाना भगवान यह क्या कर दिए अब इसकी पत्नी और दो छोटी बेटी की परवरिस कैसे होगी,कौन देखेगा भगवान आपको भगवान इस परिवार पर जरा सी दया नही आई।
वही इस घटना की सूचना मिलते ही हवेली खड़गपुर एस डी पीओ राकेश कुमार दलबल के साथ शामपुर थाना झेत्र के नाकि पंचायत पंहुचे और शहीद जवान के परिजनों से मिलकर सांत्वना दी । परिजनों को उन्होंने कहा कि इस शहीद हुए विशाल उर्फ धर्मेंद्र की शहादत भुला नही जा सकता । कल जम्मू काश्मीर के लाल चौक पर आतंकियों से मुकाबला करते हुए शहीद हो गए है,देश के लिए कुर्बानी इन्होंने दी है । इनके परिजनों को सारी बातों से अबगत कराया गया इनकी अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होना है । यह परिवार के लिए बहुत बड़ी क्षति है लेकिन गौरव का भी बिषय है कि इन्होंने देश के लिए अपनी जीवन को दांव पर लगाया, यह सबको प्रेरणा देगा । विशाल की पार्थिव शरीर की अंतिम यात्रा दाह संस्कार आज बुधवार को भागलपुर जिले के सुल्तानगंज गंगा घाट पे किया जायेगा, पहले मुंगेर गंगा घाट था मगर इस इलाके के लोगो सुल्तानगंज गंगा घाट ही अंतिम यात्रा ले कर जाते है।