रांची । पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) में दूसरे नंबर का कमांडर 15 लाख रुपये का इनामी कुख्यात उग्रवादी जीदन गुड़िया सोमवार को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस के जवानों के साथ उसके दस्ते की मुठभेड़ सुबह साढ़े नौ बजे मुरहू थाना क्षेत्र के कोयंगसार गांव के पास जंगल में हुई। मुठभेड़ के दौरान दोनों ओर से महज 50 फीट की दूरी से गोलियां चली। पुलिस की टीम का नेतृत्व सीआरपीएफ के सेकेंड इन कमांड पीआर मिश्रा कर रहे थे। मुठभेड़ के दौरान पीआर मिश्रा समेत अन्य चार-पांच जवान भी मामूली रूप से चोटिल हुए हैं। पुलिस ने घटनास्थल से एक एके 47, तीन मैग्जीन, लगभग 70-80 गोलियां, 10 मोबाइल, 70 के आसपास सिम कार्ड, वॉकी-टॉकी, बेड-बिस्तर, सुबह का नाश्ता और दैनिक उपयोग के अन्य सामान जब्त किया है।
जीदन गुड़िया के खिलाफ खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा, गुमला और रांची जिले में हत्या, आर्म्स एक्ट समेत लगभग 100 मामले दर्ज हैं। वह पीएलएफआई की सेंट्रल कमिटी का सदस्य भी था। जीदन गुड़िया तपकरा के पास स्थित कोचा करंजटोली गांव का निवासी था और उसकी पत्नी जोनिका गुड़िया खूंटी जिला परिषद की अध्यक्ष हैं।
खूंटी के एसपी आशुतोष शेखर को गुप्त सूचना मिली थी कि जीदन गुड़िया संगठन के सात-आठ सदस्यों के साथ कोयंगसार और कुम्हारडीह इलाके में घूम रहा है। इसके बाद एसपी ने सीआरपीएफ 94 बटालियन के टूआईसी पीआर मिश्रा के नेतृत्व में टीम गठित की। टीम में लगभग सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस के 70-80 पदाधिकारी और जवानों को शामिल किया गया। कोयंगसार गांव से लगभग एक किमी पश्चिम में ऊंची-ऊंची पहाड़ियां और नीचे पहाड़ी नाला है। इन्हीं पहाड़ियों के बीच एक स्थान पर पेड़ के नीचे जीदन गुड़िया नाश्ता करने की तैयारी कर रहा था। उसके दो दस्ता सदस्य नीचे पहाड़ी नाले के पास नहाने-धोने के लिए गए थे। एक अन्य सदस्य एक कोने पर पेड़ के नीचे मोर्चा लेकर बैठा था। पुलिस ने पहाड़ी को दो तरफ से घेर लिया। जैसे ही पुलिस करीब पहुंची, जीदन गुड़िया ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने उसे सरेंडर करने को कहा, परंतु वह फायरिंग करता रहा। आत्मरक्षार्थ जवानों ने जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। जीदन गुड़िया को दो गोलियां लगी और वह ढेर हो गया। दस्ते के अन्य उग्रवादी जंगल के नीचे गहराई में कूदकर भाग निकले। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार सर्च अभियान चला रही है।