विजय शंकर
पटना । बिहार सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय ने आज सुशासन के कार्यक्रम, 2020-2025 के अंतर्गत आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 (2020-2025) एवं अन्य कार्यक्रमों को लागू करने तथा इसके कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण सुनिश्चित करने की सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है । वर्ष 2020 के विधान सभा के चुनाव तथा सरकार के गठन के पश्चात् ‘‘न्याय के साथ विकास’’ के सिद्धान्त के प्रति अपनी प्रतिबद्धता कायम रखते हुए आगामी 5 वर्षों में बिहार के विकास के लिए सुशासन के कार्यक्रम, 2020-2025 के तहत आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 (2020-2025) कार्यक्रम को संपूर्ण राज्य में लागू किया जाएगा। सरकार के प्रधान सचिव संजय कुमार ने इसकी विस्तृत जानकारी दी है ।
आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 (2020-2025)
1. युवा शक्ति – बिहार की प्रगति : 7 निश्चय के तहत बिहार में युवाओं के लिए कई कार्यक्रम चलाए गए हैं। उच्च शिक्षा के लिए बिहार स्टूडेट क्रेडिट कार्ड योजना, युवाओं को रोजगार ढूंढने में मदद करने हेतु स्वयं सहायता भत्ता योजना, युवाओं को कम्प्यूटर, संवाद कौशल एवं व्यवहार कौशल का प्रशिक्षण देने हेतु कुशल युवा जैसे कार्यक्रमों को चलाया गया है। ये सभी कार्यक्रम आगे भी जारी रहेंगे। अब इनके साथ-साथ युवाओं को और बेहतर तकनीकी प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी जिससे उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हो सकें। साथ ही बिहार में उद्यमिता को और बढ़ावा दिया जाएगा जिससे कि युवा स्वयं उद्यमी बन सकें और अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध करा सकें ।
संस्थानों में गुणवत्ता बढ़ाने की योजना:पिछले पाँच वर्षों में जिला एवं अनुमण्डल स्तर पर कई संस्थानों का निर्माण कराया गया है। इसी को आगे बढ़ाते हुए अब राज्य के प्रत्येक आई0टी0आई॰ एवं पालीटेक्निक संस्थानों में प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उच्चस्तरीय सेंटर आफ एक्सेलेंस बनाया जाएगा। इनमें आई0टी0आई॰ एवं पालीटेक्निक में पढ़ रहे बच्चों को वर्तमान उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप उच्चस्तरीय एवं नई तकनीक वाले क्षेत्रों में, जिनकी बाजार में ज्यादा मांग है यथा सोलर, ड्रोन तकनीक, आप्टिकल फाइबर एवं नेटवर्किंग, ट्रांसफारमर मैनुफैक्चरिंग इनफारमेशन टेक्नोलाजी इत्यादि जैसे कई क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त छात्रों की बाजार में मांग रहेगी तथा इन्हें बेहतर रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
हर जिले में मेगा-स्किल सेन्टर (मार्गदर्शन, नयी स्किल में प्रशिक्षण): वैसे युवा जो आई0टी0आई॰ एवं पालीटेक्निक में नहीं पढ़ रहे हैं और नए कौशल का प्रशिक्षण पाना चाहते हैं, उनके लिए हर जिले में कम से कम एक मेगा स्किल सेंटर खोला जाएगा। यहाँ पर लोकप्रिय एवं उपयोगी स्किल्स यथा एपरल मेकिंग, रेफरीजरेटर, एयर कंडिशनिंग, सोलर पैनल मेकेनिक, व्यूटी एवं वेलनेस ट्रेनिंग, बुजुर्गों एवं मरीजों की देखभाल के लिए केयर गीभर जैसे क्षेत्रों में अल्प अवधि का रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जाएगा जिनकी बाजार में मांग रहती है।
टूल रूम (हर प्रमण्डल में) : प्रत्येक प्रमण्डल में टूल रूम एवं ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा। टूल रूम में कई क्षेत्रों के नवीन एवं अत्याधुनिक मशीनें एक स्थान पर उपलब्ध रहती हैं। इनमें आई0टी0आई॰ एवं पालीटेक्निक से प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को अत्याधुनिक मशीनों पर नई तकनीक की ट्रेनिंग दी जाएगी। 10वीं एंव 12वीं पास युवकों के लिए भी इनमें दीर्घकालीन प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी। इनसे प्रशिक्षण पाने के पश्चात् युवाओं को उच्च तकनीक वाले क्षेत्रों में रोजगार मिलने में सहूलियत होगी।
स्किल एवं उद्यमिता हेतु नया विभाग (आई0टी0आई0/ पालीटेक्निक सहित): स्किल डेवलपमेंट तथा उद्यमिता पर विशेष बल देने हेतु एक अलग विभाग स्किल डेवलपमेंट एवं उद्यमिता विभाग का गठन किया जाएगा जिसमें औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आई0टी0आई॰), पालीटेक्निक को समाहित किया जाएगा। उद्यमिता को बच्चों के कोर्स करिकुलम का हिस्सा बनाया जाएगा जिससे कि राज्य में उद्यमिता संस्कृति का और विकास हो सके। युवाओं को अपना व्यवसाय अथवा उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि वे स्वयं उद्यमी बने तथा साथ में दूसरों को भी रोजगार दे सकें ।
केन्द्र सरकार की योजना के तहत तकनीकी शिक्षा हिन्दी में उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा । बिहार में चिकित्सा शिक्षा एवं अभियंत्रण शिक्षा को सुदृढ़ करने हेतु एक चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं एक अभियंत्रण विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। साथ ही बिहार में खेलकूद को बढ़ावा देने हेतु अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम एवं स्पोर्ट्स एकेडमी, राजगीर के परिसर में एक खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।
उद्यमिता विकास हेतु अनुदान/प्रोत्साहन : युवाओं के लिए न सिर्फ उच्च स्तर के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है बल्कि उनको अपना उद्यम/व्यवसाय लगाने के लिए सरकार मदद करेगी। नया उद्यम अथवा व्यवसाय के लिए परियोजना लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 5 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा तथा अधिकतम 5 लाख का ऋण मात्र एक प्रतिशत ब्याज पर दिया जाएगा। सरकारी एवं गैर सरकारी क्षेत्र में रोजगार के 20 लाख से ज्यादा नये अवसर सृजित किए जाएंगे ।
2. सशक्त महिला, सक्षम महिला: महिला उद्यमिता हेतु विशेष योजना: महिलाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजना लाई जाएगी जिसमें उनके द्वारा लगाए जा रहे उद्यमों में परियोजना लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 5 लाख रूपये तक का अनुदान तथा अधिकतम 5 लाख रूपये तक ब्याज मुक्त ऋण दिया जायेगा ।
उच्चतर शिक्षा हेतु महिलाओं को प्रोत्साहन -उच्चतर शिक्षा हेतु प्रेरित करने के लिये इन्टर उत्तीर्ण होने पर अविवाहित महिलाओं को रू0 25,000 तथा स्नातक उत्तीर्ण होने पर महिलाओं को रू0 50,000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
क्षेत्रीय प्रशासन में आरक्षण के अनुरूप महिलाओं की भागीदारी: क्षेत्रीय प्रशासन यथा पुलिस थाना, प्रखंडों, अनुमंडल एवं जिलास्तरीय कार्यालयों में आरक्षण के अनुरूप महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाएगी।
3. हर खेत तक सिंचाई का पानी: हर संभव माध्यम से हर खेत तक सिंचाई का पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
4. स्वच्छ गाँव-समृद्ध गाँव:सभी गांवों में सोलर स्ट्रीट लाईट:
सभी गांवों में सोलर स्ट्रीट लाईट लगाया जाएगा। साथ ही इसके नियमित अनुरक्षण की भी व्यवस्था की जाएगी।
ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन:गांवों में भी ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन एवं मल प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी। वार्ड स्तर पर नालों एवं गलियों की सफाई कराई जाएगी। प्रत्येक घर से ठोस कचरे का संग्रहण किया जायेगा तथा उनका उपयुक्त तकनीक के माध्यम से निस्तारण किया जाएगा। नालों के अंत में निकले हुए गंदे जल का उपयुक्त तकनीक के माध्यम से ट्रीटमेंट की व्यवस्था की जायेगी।
पूर्व की निश्चय योजनाओं का अनुरक्षण:इसके अंतर्गत 7 निश्चय के तहत पूर्व से निर्मित योजनाओं यथा हर घर नल का जल, घर तक पक्की गली-नालियां एवं हर घर शौचालय आदि की योजनाओं का पूरा रख रखाव किया जाएगा।
पशु एवं मत्स्य संसाधनों का विकास: आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर दुग्ध उत्पादन एवं प्रसंस्करण, मुर्गी पालन, मछली पालन आदि को बढ़ावा दिया जाएगा। राज्य में स्थित चैर क्षेत्रों का विकास बड़े पैमाने पर किया जाएगा। साथ ही अन्य क्षेत्रों में तालाबों, पोखरों एवं बड़े जलाशयों में मछली पालन को बढ़ावा दिया जाएगा। आधुनिक मत्स्य पालन तकनीकों का प्रसार किया जाएगा तथा मछली पालन के पूरे उत्पादन श्रृंखला पर काम किया जाएगा। मछली के उत्पादन को इतना बढ़ाया जाएगा कि बिहार की मछली अन्य राज्यों में जाएगी। इनसे राज्य के पशुपालकों एवं मछली पालकों की आय बढ़ेगी।
5. स्वच्छ शहर-विकसित शहर: ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन: बिहार के सभी शहरों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था उपयुक्त तकनीक के माध्यम से की जायेगी।
वृद्धजनों हेतु आश्रय स्थल: इसके अंतर्गत वृद्धजनों के लिये सभी शहरों में आश्रय स्थल बनाया जाएगा तथा इनके बेहतर प्रबंधन एवं संचालन की व्यवस्था की जाएगी।
शहरी गरीबों हेतु बहुमंजिला आवासन: इसके अंतर्गत शहर में रह रहे बेघर/भूमिहीन गरीब लोगों को बहुमंजिला भवन बना कर आवासन उपलब्ध कराया जायेगा।
सभी शहरों एवं महत्वपूर्ण नदी घाटों पर विद्युत शवदाह गृह सहित मोक्षधाम का निर्माण
सभी शहरों एवं महत्वपूर्ण नदी घाटों पर विद्युत शवदाह गृहों सहित मोक्षधाम का निर्माण कराया जाएगा जिससे लोगों को वहाँ पर दाह संस्कार हेतु जरूरी सुविधाएँ मिल सकें।
सभी शहरों में स्ट्रार्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम को विकसित किया जायेगा जिससे कि जल जमाव की कोई समस्या न हो।
6. सुलभ सम्पर्कता: ग्रामीण पथों की संपर्कता: आस-पास के गांवों को जोड़ते हुए मुख्य पथों एवं महत्वपूर्ण स्थानों (प्रखंड/थाना/अनुमंडल) अथवा महत्वपूर्ण सुविधाओं यथा बाजार, अस्पताल, राज्य उच्च पथ एवं राष्ट्रीय उच्च पथों तक सम्पर्कता हेतु नई सड़कों का निर्माण कराया जाएगा।
शहरी क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार बाईपास अथवा फ्लाईओवर का निर्माण : शहरी क्षेत्रों में जाम की समस्या से मुक्ति एवं सुचारू यातायात के संचालन हेतु आवश्यकतानुसार बाईपास अथवा फ्लाईओवर का निर्माण कराया जाएगा।
7. सबके लिये अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधा(प) बेहतर पशु स्वास्थ्य प्रबंधन हेतु आधारभूत व्यवस्थाएँ: काल सेन्टर एवं मोबाइल एप की मदद से डोर स्टेप सेवा की व्यवस्था
प्रत्येक 8-10 पंचायतों पर पशु अस्पताल की व्यवस्था की जाएगी। पशुओं के लिए चिकित्सा सुविधा, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, कृमिनाशन जैसी सेवाओं की डोर स्टेप डिलिवरी कराने की ठोस व्यवस्था की जाएगी। लोग काल सेन्टर में फोन कर अथवा मोबाईल ऐप के माध्यम से इन सुविधाओं को प्राप्त कर सकेंगे। टेलिमेडिसिन के माध्यम से भी पशु अस्पताल जुड़े रहेंगे जिनसे चिकित्सा परामर्श दिया जा सकेगा और आवश्यतानुसार मोबाइल यूनिट्स के माध्यम से पशु चिकित्सक एवं अन्य कर्मियों के द्वारा लोगों के घरों में पहुँचकर पशु चिकित्सा एवं अन्य सेवाएँ दी जाएगी। पशुओं की सभी प्रकार की चिकित्सा सुविधाएँ निःशुल्क रहेंगी।
देशी गोवंश के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत गोवंश विकास संस्थान की स्थापना की जाएगी।
गांव-गांव तक लोगों के लिये स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतर उपलब्धता: स्वास्थ्य उपकेन्द्रों को नियमित एवं बेहतर रूप से संचालित कर स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जाएंगी तथा इन्हें टेलीमेडिसीन के माध्यम से इन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, अनुमण्डल अस्पताल एवं जिला अस्पताल से जोड़ा जाएगा और लोगों को चिकित्सीय परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी । डायबिटीज, उच्च रक्तचाप तथा मोतियाबिंद आदि बीमारियों हेतु स्क्रीनिंग की जाएगी एवं गंभीर बीमारी के मामलों को रेफर किया जाएगा । इसके साथ ही पैथोलाजिकल जांच हेतु सैम्पल एकत्र कर उनकी जाँच की भी व्यवस्था की जाएगी।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, अनुमण्डल अस्पताल एवं जिला अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं को और बेहतर एवं विस्तारित किया जाएगा।
हृदय में छेद के साथ जन्में बच्चों के निःशुल्क उपचार की व्यवस्था की जाएगी तथा इसके लिए नई योजना ‘बाल हृदय योजना’ लागू की जाएगी।
इसके अतिरिक्त निम्नलिखित कार्यक्रम को भी लागू किया जाएगा:-(क) कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध होने के पश्चात् कोरोना से बचाव हेतु पूरे राज्य में इसका निःशुल्क टीकाकरण कराया जाएगा।
(ख) विदेशों में शिक्षा प्राप्त करने जाने वाले विद्यार्थियों के लिए डिजिटल काउन्सलिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी।
(ग) दलहन के उत्पादन को बढ़ाने हेतु केन्द्र सरकार के सहयोग से किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दलहन की खरीद की व्यवस्था करने का प्रयास किया जाएगा।
(घ) राज्य के बाहर काम करने वाले कामगारों का पंचायतवार डाटावेस संधारित किया जाएगा।
राज्य सरकार के द्वारा बिहार के विकास एवं लोगों के कल्याण हेतु पूर्व से संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों को और सुदृढ़ करते हुए कार्यान्वित किया जाएगा।
सुशासन के कार्यक्रम के अंतर्गत आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 (2020-2025) एवं अन्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण की निम्नलिखित व्यवस्था रहेगी:-
आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 (2020-2025) के क्रियान्वयन हेतु संबंधित विभाग अलग से अपनी विस्तृत कार्ययोजना तैयार करेंगे तथा सक्षम प्राधिकार का अनुमोदन प्राप्त कर क्रियान्वयन प्रारंभ करेंगे। इन कार्यक्रमों का पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण बिहार विकास मिशन के द्वारा किया जाएगा। जिला स्तर पर इनका अनुश्रवण प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति द्वारा किया जाएगा।