अमीरों को अधिक अमीर बनाने वाला यह चुनावी बजट

सुभाष निगम
नई दिल्ली। आल इंडिया माइनोरिटीज फ्रन्ट के अध्यक्ष डॉ एस एम आसिफ ने केन्द्र सरकार द्वार आज पेश बजट 2021-22 पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश की खराब आर्थिक स्तिथि को सुधरने के लिए मोदी सरकार ने बजट में किसी तरह की सुनिश्चित व्यवस्था नहीं की। कोरोना काल मे कंगाली के कगार पर आ गए मध्य वर्ग को कोई राहत नहीं ,और न ही इनकम टैक्स का स्लैब बढ़ाया गया। बजतबमें पुराने बेरज़गारों और कोरोनकाल में हुए बेरोजगारों काम देने की कोई व्यवस्था नहीं कि गई। बजट को देख कर लगता है कि इस सरकार को केवल चुनाव जीतने की चिंता सता रही है।इसलिए उसने चुनाव होने वाले राज्यों बंगाल, आसाम,तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों के लिए सड़क कॉरिडोर और आर्थिक पैकेज की व्यवस्था की है,ताकि बड़े उद्योगपतियों के माल आसानी से इन राज्यों तक पहुंच जाए। और वे ही मालामाल होते रहें।
डॉ आसिफ ने कहा कि सरकार आत्म निर्भर भारत बनाने की बात करती है लेकिन देश के बेरोज़गार व अर्ध बेरोजगारों के लिए उसने किसी योजना व कोई पैकेज देने की बजट में घोषणा नहीं की। प्राइवेट स्कूल और निजी उद्योग सदी के भीषण संकट में हैं। सरकार ने बजट में इनको संकट से उबरने के लिए ऐसा कुछ नहीं किया जिससे उनकी आर्थिक की भरपाई हो सके।
माइनॉरिटी फ्रन्ट के अध्यक्ष डॉ आसिफ ने कहा कि जब तक बेरोजगारों, छोटे उद्योगों और मंझोले व्यापारियों के हितों की रक्षा के प्रावधान बजट में शामिल नहीं किये जायेंगे तब तक भारत आत्म निर्भर नहीं बन सकेगा। यह बजट अमीरों को राहत देने वाला गरीबों को कंगाल बनाने वाला बजट है।

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