डीएम की अध्यक्षता में विद्यालय वाहन परिवहन अनुश्रवण समिति की बैठक

सभी स्टेकहोल्डर्स सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें: डीएम ने दिया निदेश

Vijay Shankar

पटना। जिला पदाधिकारी-सह-अध्यक्ष, जिला-स्तरीय विद्यालय वाहन परिवहन अनुश्रवण समिति, पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि बच्चों की सुरक्षा हम सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए सभी भागीदारों (स्टेकहोल्डर्स) को सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहना होगा। वे आज समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में विद्यालय वाहन परिवहन अनुश्रवण समिति की जिला-स्तरीय बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन, वाहन चालकों एवं परिचरों, बस ऑपरेटर्स, माता-पिता/अभिभावकों एवं प्रशासन की यह सम्मिलित जिम्मेदारी है कि बच्चों की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित करें।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार मोटरगाड़ी (संशोधन) नियमावली, 2020 में विद्यालय वाहन परिचालन से संबंधित विस्तृत दिशा-निदेश दिया गया है। सभी विद्यालयों के प्रबंधकों एवं प्राचार्यों को यह उपलब्ध कराया गया है। छात्र-छात्राओं की जीवनरक्षा एवं सुरक्षित यात्रा के लिए विद्यालय वाहनों के परिचालन का विनियमन इसके प्रावधानों के अनुसार सुनिश्चित किया जाए।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि इस नियमावली का मुख्य उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि विद्यालय वाहनों के लिए मानकों का अनुपालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक स्कूल प्रबंधन अपने-अपने यहाँ ‘‘बाल परिवहन समिति’’ की नियमित बैठक अनिवार्य रूप से करें एवं स्कूली बच्चों की सुरक्षित परिवहन व्यवस्था हर हाल में सुनिश्चित करें। जिला परिवहन पदाधिकारी तथा ज़िला शिक्षा पदाधिकारी इसका अनुपालन कराएंगे।

डीएम डॉ सिंह ने कहा कि बच्चों के पाठ्य-सामग्री में भी सड़क सुरक्षा से संबंधित विषय अनिवार्य रूप से रहना चाहिए ताकि उन्हें जागरूक किया जा सके तथा दुर्घटना को रोका जा सके। बच्चों को संकेतक, यू-टर्न, ज़ेब्रा क्रॉसिंग सहित सभी तथ्यों की जानकारी रहनी चाहिए।

डीएम डॉ सिंह ने कहा कि विद्यालय वाहन परिचालन अधिनियम में वाहनों के माध्यम से विद्यालय जाने वाले छात्र-छात्राओं को सुरक्षित रखने के लिए विद्यालय प्रबंधन द्वारा कार्रवाई अपेक्षित है। विद्यालय वाहनों के लिए निर्धारित निम्नलिखित मानकों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है:-

1. यदि विद्यालय द्वारा बस या अन्य वाहन किसी वाहन ऑपरेटर से लीज अथवा किराया पर लिया गया है, तो बस के पीछे और सामने स्पष्ट रूप से ऑन-स्कूल ड्यूटी (On School Duty), प्रदर्शित करना होगा।

2. मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा-118 के आलोक में स्कूल बसों/स्कूल वाहनों में विनिर्दिष्ट मानक का गति नियंत्रक उपकरण (स्पीड गवर्नर) लगाना अनिवार्य होगा, जिसकी अधिकतम गति सीमा 40 कि.मी. प्रति घंटा होगी।

3. सभी वाहनों में एक प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स रखना अनिवार्य होगा।

4. प्रत्येक स्कूल वाहन में केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली, 1989 के नियम-125H में उल्लिखित वीएलटीडी (Vehicle Location Tracking Device) और पैनिक बटन (Panic Button) लगाना अनिवार्य होगा।

5. प्रत्येक स्कूल वाहन में केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली, 1989 के नियम-104 में उल्लिखित रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप (Retro Reflective Tape) लगाना अनिवार्य होगा।

6. स्कूली बच्चों के परिवहन में संलग्न बस एवं अन्य सभी प्रकार के वाहनों का पंजीकरण व्यावसायिक यात्री वाहन के रूप में होगा। मोटरयान अधिनियम, 1988 के तहत स्कूल वाहनों के लिए सक्षम प्राधिकार से परमिट प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

7. 8 वर्ष तक के नये वाहनों को द्विवार्षिक एवं अन्य सभी स्कूली वाहनों को वार्षिक फिटनेस प्रमाण-पत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

8. स्कूल बस से भिन्न अन्य व्यावसायिक छोटे वाहन; यथा ऑटो रिक्शा, मारूति ओमनी वैन, टाटा 407, टाटा एस, विंगर एवं अन्य कार जिसका उपयोग स्कूल के छात्रों के परिवहन के लिए नियमित रूप से किया जा रहा है, के द्वारा भी सुसंगत मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। इस तरह के वाहन पर भी सामने और पीछे की तरफ एक विशिष्ट स्थान पर स्पष्ट अक्षरों में ‘स्कूल वैन’ अथवा ‘ऑन स्कूल ड्यूटी’ प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।

9. माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्गत सड़क सुरक्षा से संबंधित दिशा-निर्देशों तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार, परिवहन विभाग, बिहार सरकार या जिला प्रशासन अथवा विभिन्न शिक्षा बोर्ड द्वारा समय-समय पर निर्गत निदेश तत्समय लागू होंगे।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन बच्चों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील रहें। उन्हें उम्मीद है कि सभी भागीदार स्व-जिम्मेदारी के आधार पर दिशा-निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि विहित प्रावधानों के अनुसार जिला-स्तरीय विद्यालय वाहन परिवहन अनुश्रवण समिति की नियमित बैठक की जाएगी तथा कृत कार्रवाई की समीक्षा की जाएगी।

डीपीआरओ, पटना

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