विजय शंकर
पटना। समाहर्ता-सह-जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज सचिवालय कोषागार, सिंचाई भवन, पटना का निरीक्षण किया गया। बिहार कोषागार संहिता, 2011 के प्रावधानों के तहत यह एक नियमित निरीक्षण था। इसके पूर्व जिलाधिकारी डॉ. सिंह द्वारा दिनांक 13 जुलाई, 2022 एवं 22 जुलाई, 2021 को इस कोषागार का निरीक्षण किया गया था। जिलाधिकारी द्वारा कार्यालय प्रबंधन की अच्छी स्थिति पर प्रसन्नता व्यक्त की गई। साथ ही उन्होंने वरीय कोषागार पदाधिकारी, सचिवालय कोषागार, सिंचाई भवन को बिहार कोषागार संहिता के प्रावधानों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि पूर्व के निरीक्षण में दिए गए निदेशों के सम्यक अनुपालन की कोशिश की गई है। मैनुअल के अनुसार पुराने रेकर्ड का निष्पादन किया गया है। अभिलेखागार में कोषागार के अभिलेखों का विधिवत संधारण किया गया है। यह सराहनीय है। वरीय कोषागार पदाधिकारी को कर्मियों का अवकाश लेखा अद्यतन करने तथा सेवानिवृत कर्मियों के लंबित पेंशन भुगतान को विशेष प्रयास कर नियमानुसार निष्पादित करने का निदेश दिया।
गौरतलब है कि यह कोषागार पुराना सचिवालय के कैम्पस में अवस्थित सिंचाई भवन के उत्तरी भाग के भूतल पर कार्यरत है।
पूर्वाह्न 10.00 बजे पहुंचकर डीएम ने कर्मियों की उपस्थिति की जांच की, उनसे परिचय प्राप्त किया तथा कोषागार के विभिन्न कक्षों एवं शाखाओं का अवलोकन किया।
डीएम डॉ. सिंह ने सीएफएमएस, स्थापना, पेंशन, अंकेक्षण, सेवापुस्त का संधारण, लेखा, रोकड़ बही, खाताओं का संधारण सहित विविध पंजियों का अवलोकन किया।
वरीय कोषागार पदाधिकारी श्री नीलकमल ने जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया कि वर्तमान मे इस कोषागार से लगभग 250 कार्यालय एवं 395 अप्रूवर (डीडीओ, निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी) संबद्ध हैं।
यह कोषागार पूर्णतः कम्प्यूटरीकृत है। यहाँ सीएफएमएस सॉफ्टवेयर दिनांक 01.04.2019 से प्रारंभ किया गया है। इसके माध्यम से संबंधित निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी (डीडीओ) अपने कार्यालय से ही कोषागार को ऑनलाईन विपत्र समर्पित करते हैं तथा कोषागार द्वारा इसे प्रक्रियानुसार पारित किया जाता है। डीडीओ कार्यालय के संदेशवाहकों को कोषागार आने की जरूरत नहीं पड़ती एवं इस तरह कोषागार में भीड़ नहीं होती है।
महालेखाकार, बिहार द्वारा निर्गत पीपीओ के आधार पर उपलब्ध सेवानिवृत्त कर्मियों का पेंशन इस कोषागार द्वारा सीएफएमएस के माध्यम से कोषागार संहिता, 2011 के अनुसार प्रतिदिन निष्पादन किया जाता है। दिनांक 01.04.2019 के बाद स्वीकृत सभी पेंशनरों को सीएफएमएस के माध्यम से ऑनलाईन भुगतान किया जाता है एवं उनका पीपीओ इस कार्यालय में संधारित किया जाता है । दिनांक 01.04.2019 से सीएफएमएस के माध्यम से 3,208 पेंशनरों का पीपीओ कोषागार में संधारित है। इसमें सामान्य बिहार पेंशन तथा पारिवारिक पेंशन की संख्या 2,979, झारखंड पेंशन 116, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश एवं त्रिपुरा से 1-1 पेंशन भी शामिल है।
01 अप्रैल, 2019 से अबतक कुल 3,278 पीपीओ प्राप्त हुए जिसमें से कोषागार द्वारा 3,208 पीपीओ को निष्पादित कर दिया गया। डीएम डॉ. सिंह ने इस पर खुशी व्यक्त करते हुए वरीय कोषागार पदाधिकारी को शेष लंबित 70 पीपीओ को भी विशेष प्रयास कर निष्पादित करने का निदेश दिया।
इस कोषागार में अभिलेखागार में कोषागार के निष्पादित अभिलेखों को सुरक्षित रखा जाता है। सामान्य प्रशासन विभाग के निदेशानुसार सभी कर्मियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति सुनिश्चित की जाती है। जिलाधिकारी द्वारा इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए वरीय कोषागार पदाधिकारी को इसका नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया।
डीएम डॉ. सिंह द्वारा कोषागार में कार्यरत लिपिकों, कार्यालय परिचारियों एवं डाटा एंट्री ऑपरेटर की सेवा पुस्तिका/सेवा अभिलेख तथा विभिन्न पंजियों के विधिवत ढंग से अद्यतन सत्यापन कर संधारण पर खुशी व्यक्त की गई।
डीएम डॉ. सिंह ने वरीय कोषागार पदाधिकारी को कोषागार के पुराने एवं अनुपयोगी सामानों, तकनीकी संभाग के उपकरणों तथा अभिलेखों को विहित प्रक्रिया का अनुपालन करते हुए नियमानुसार निस्तारित/विनष्टीकरण करने का निदेश दिया।