Vijay Shankar
पटना। जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने फोटो निर्वाचक सूची के पुनरीक्षण के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदत्त निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया है। वे आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में इस विषय पर आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों, सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों एवं अन्य को संबोधित कर रहे थे। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निदेशों के अनुसार दिनांक 01.01.2024 की अर्हता तिथि के आधार पर फोटो निर्वाचक सूची का प्रारूप प्रकाशन दिनांक 17.10.2023 तथा अंतिम प्रकाशन दिनांक 05.01.2024 को निर्धारित है। आयोग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पुनरीक्षण-पूर्व तथा पुनरीक्षण अवधि से संबंधित गतिविधियों को संचालित किया जा रहा है। आज का प्रशिक्षण आप सबको आयोग के दिशा-निदेशों से अवगत कराने तथा तदनुरूप कार्य करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुनरीक्षण-पूर्व गतिविधियों के तहत 21 जुलाई से 21 अगस्त तक बीएलओ द्वारा हाउस-टू-हाउस सत्यापन किया जाना है। 22 अगस्त से 29 सितम्बर तक मतदान केन्द्रों का युक्तिकरण, एपिक में विसंगतियों को दूर किया जाना, उच्च गुणवत्ता का फोटोग्राफ सुनिश्चित कर इमेज की क्वालिटी में सुधार इत्यादि किया जाना है। 30 सितम्बर से 16 अक्टूबर तक फॉर्मेट 1 से 8 का निर्माण तथा पूरक का निर्माण 01.01.2024 की अर्हता तिथि के आधार पर एकीकृत प्रारूप निर्वाचक नामावली का निर्माण किया जाना है।
आज के इस प्रशिक्षण सत्र में सभी निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी , सहायक निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी तथा प्रखण्डों के मास्टर ट्रेनर को विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। प्रत्येक पखण्ड से दो-दो मास्टर ट्रेनर तथा एक-एक कार्यपालक सहायक भी उपस्थित थे। उप निर्वाचन पदाधिकारी श्री आशुतोष राय एवं अन्य पदाधिकारियों द्वारा फोटो निर्वाचक सूची के पुनरीक्षण के संबंध में विस्तृत प्रकाश डाला गया। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की विभिन्न धाराओं, निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों तथा सहायक निर्वाचन निबंधन पदाधिकारियों का दायित्व, फोटो निर्वाचक सूची के संक्षिप्त पुनरीक्षण का कैलेण्डर, विभिन्न प्रपत्र , पीएसई, डीएसई, डुप्लिकेट प्रविष्टियाँ, लिंगानुपात, छूटे हुए भावी मतदाताओं की प्रविष्टि डाटा बेस में सुनिश्चित करना, मतदान केन्द्रों का युक्तिकरण इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया गया।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि दिनांक 01.01.2024 की अर्हता तिथि के आधार पर पुनरीक्षण अवधि की गतिविधियों के तहत दिनांक 17 अक्टूबर को एकीकृत प्रारूप निर्वाचक नामावली का प्रकाशन किया जाना है। 17 अक्टूबर, 2023 से 30 नवम्बर, 2023 तक दावा एवं आपत्ति लिया जाएगा। 28 अक्टूबर, 29 अक्टूबर, 25 नवम्बर तथा 26 नवम्बर को विशेष कैम्प का आयोजन किया जाएगा। 26 नवम्बर, 2023 तक दावा एवं आपत्ति का निष्पादन किया जाएगा। 01 जनवरी, 2024 तक हेल्ड पैरामीटर की जाँच तथा अंतिम प्रकाशन हेतु आयोग की अनुमति प्राप्त की जाएगी। दिनांक 05.01.2024 को निर्वाचक सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।
पदाधिकारियों को आयोग द्वारा जारी दिशा-निदेशों की बारीकियों को समझाते हुए डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 14 के अनुसार चार अर्हता तिथियों यथा 01 जनवरी, 01 अप्रैल, 01 जुलाई तथा 01 अक्टूबर विनिर्दिष्ट है, जिसके आलोक में आयोग द्वारा 01 जनवरी की अर्हता तिथि के आधार पर विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण हेतु आदेश निर्गत किया गया है। इसके अन्तर्गत अर्हता तिथि 01 जनवरी के अतिरिक्त अर्हता तिथि 01 अप्रैल, 01 जुलाई एवं 01 अक्टूबर के लिए भी अग्रिम दावा-आपत्ति प्राप्त किया जा सकता है। आयोग के निदेशानुसार पुनरीक्षण एक विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण होगा जिसमें की अर्हता दिनांक 01.01.2024 रहेगी और प्री-रिवीजन एवं रिवीजन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगा। निर्वाचक नामावली 2016 के मैनुअल में दिए गये प्रावधानों में अद्यतन संशोधन के आलोक में पुनरीक्षण के कार्य संपादित किये जायेंगे। साथ ही मतदान केन्द्रों के युक्तिकरण से संबंधित कार्य मैनुअल ऑन पोलिंग स्टेशन, 2020 में वर्णित प्रावधानों के आलोक में सम्पन्न किया जाएगा।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा यह निदेश दिया गया है कि पुनरीक्षण पूर्व गतिविधियों के अन्तर्गत ईपिक में विद्यमान विसंगतियों का शत-प्रतिशत निवारण सुनिश्चित किया जाए। पुनरीक्षण में फील्ड सत्यापन एवं जाँच की महत्वपूर्ण भूमिका है। सभी मतदान केन्द्र-स्तरीय पदाधिकारी (बीएलओ) अपने-अपने मतदान केन्द्र क्षेत्रों में घर-घर भ्रमण कर पुनरीक्षण संबंधी कार्य करें। गृह सत्यापन के क्रम में बीएलओ निर्वाचक सूची के प्रविष्टियों की जाँच कर इसकी शुद्धता सुनिश्चित करेंगे। मतदाता सूची में विलोपन एवं संशोधन के समय विशेष सतर्कता बरतें। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदत्त निदेश के आलोक में निर्वाचक का नाम निर्वाचक नामावली में से केवल उसी स्थान पर हटाया जाएगा जहाँ वह सामान्य रूप से निवास करने वाले स्थान पर नहीं पाया जाए। मतदाता सूची में फोटो की समान प्रविष्टियों (पीएसई) तथा जनसंाख्यिकीय समान प्रविष्टियों (डीएसई) के संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करें। पीएसई, डीएसई सहित डुप्लिकेट प्रविष्टियों का शत-प्रतिशत सत्यापन करें। निर्वाचन तंत्र के विभिन्न स्तरों यथा प्रेक्षकों, ईआरओ एवं एईआरओ द्वारा फील्ड सत्यापन आवश्यक है। इसी प्रकार दावा एवं आपत्तियों का नियमानुसार निष्पादन करें। दावों एवं आपत्तियों पर अंतिम निर्णय लेने से पहले ईआरओ द्वारा किए गए कार्य की जाँच जिला निर्वाचन पदाधिकारी, नामावली प्रेक्षक तथा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा भी की जाती है।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि मतदान केन्द्रों के युक्तिकरण के पूर्व मतदान केन्द्र स्थलों का शत-प्रतिशत सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाना है। मतदान केन्द्र स्तरीय पदाधिकारी मतदान केन्द्र स्थलों से संबंधित फोटोग्राफ, लैटिट्यूड, लॉगिट्यूड एवं अन्य सूचना अपने पंजीकृत मोबाईल से बीएलओ ऐप पर अपलोड करेंगे। मतदान केन्द्रों के भौतिक सत्यापन के क्रम में यह सुनिश्चित किया जाए कि मतदान केन्द्र भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित मानकों के अनुकूल है तथा निर्बाध मतदान संचालन में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि आयोग के निदेशों के अनुसार प्रारूप प्रकाशन से पूर्व सभी लॉजिकल एरर, डीएसई, पते को सही करना तथा धुंधले एवं खराब फोटोग्राफ को प्रतिस्थापित करने की कार्रवाई पूर्ण करें।
डीएम डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी बीएलओ से नियमित सम्पर्क में रहेंगे तथा उनके लिए उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन करेंगे। विशेष कैम्प दिवसों के अवसर पर सभी बीएलओ अपने-अपने मतदान केन्द्र पर जरूर उपस्थित रहेंगे।
डीएम डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि पुनरीक्षण कार्यक्रमों का वृहत स्तर पर प्रचार-प्रसार करें तथा निर्वाचकों को जागरूक करें।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जागरूक मतदाता हमारे समृद्ध लोकतंत्र की रीढ़ हैं। त्रुटिरहित मतदाता सूची हमारे प्रजातंत्र को एक नया आयाम देगा।