कई सीटों पर लोजपा व अन्य ने भी दिखाया दम
विजय शंकर
पटना । बिहार में पहले चरण का चुनाव संपन्न हो गया है जिसको लेकर राजनीतिक पार्टियां अलग-अलग दावे कर रही हैं । वहीं दूसरे चरण का चुनाव मुहाने पर खड़ा है, कल प्रचार समाप्त हो जायेगा । सभी पार्टियों ने दूसरे चरण के प्रचार के लिए अपनी-अपनी ओर से ताकत झोंक कर रखी हैं । भाजपा -जदयू को भरोसा है कि कल होने वाली पीएम नरेन्द्र मोदी की रैली के बाद हवाओं का रुख भाजपा-जदयू की तरफ हो जायेगा । हालाँकि ज्यादातर सीटों पर सीधे मुकाबलों के संकेत पर कहीं त्रिकोणीय संघर्ष के भी संकेत मिले है जिसमें लोजपा या फिर बागी हैं । दलों के दावे के बीच पहले चरण की वोटिंग में यह बात साफ हो गई है कि किसी भी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा बल्कि कुछ सीटें दूसरे गठबंधन अथवा दूसरे दलों को भी मिलेगी जिससे सरकार बनाने के लिए मुश्किलों से गुजरना होगा । हालांकि दूसरे चरण के लिए कल चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है और तीसरे चरण का भी चुनाव प्रचार चल रहा है । ऐसे में अभी सरकार पर आकलन पूर्वानुमान सटीक नहीं कहा जा सकता ।
पहले चरण में हुई वोटिंग को लेकर दलों के बीच असमंजस की स्थिति है, फिर भी हर दल और गठबंधन अपने-अपने दावे ठोक रहा है । पहले चरण के चुनाव में जो मतदाताओं के रुझान देखने को मिले, उस आलोक में यह बात जरूर कही जा सकती है कि किसी भी दल के प्रति कोई हवा नहीं है, वोट जरूर पड़े हैं । अगर दलों की बात करें तो महागठबंधन 71 सीटों में से 55 सीटें जीतने की जीतने का दावा कर रहा है जबकि भाजपा और जदयू गठबंधन 71 में से 2 तिहाई से अधिक सीटें जीतने का दावा कर रहा है । बड़ी बात यह है कि भाजपा जदयू के शीर्ष नेताओं ने पहले चरण की वोटिंग के बाद मतदाताओं के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है कि उन्होंने भाजपा जदयू गठबंधन को जो समर्थन दिया, उसके लिए आभारी हैं। वहीं महागठबंधन की ओर से कांग्रेस और राजद के साथ-साथ वामदलों ने भी अपनी सीटों का दावा किया है और मतदाताओं को धन्यवाद भी दिया । भाकपा-माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि पहले चरण के चुनाव में महागठबंधन ने निर्णायक बढ़त हासिल कर ली है । शाहाबाद व मगध के इलाके से आने वाली खबरों ने बिहार से एनडीए की विदाई तय कर दी है । महागठबंधन ने रोजगार सहित जिन मुद्दों को अपना मुद्दा बनाया, उससे लोगों में भारी उम्मीद पैदा हुई है । बिहार के लोग आज सुरक्षित व सम्मानजनक रोजगार चाहते हैं, यही वजह है कि आज पहली बार भावनात्मक मुद्दों की जगह जनता के असली मुद्दे चुनाव के एजेंडे पर हैं ।
सवाल यह है पहले चरण की 71 सीटों पर जो वोटिंग हुई उसमें सभी दल भले ही असमंजस में हों मगर जनता असमंजस में नहीं । कोरोना काल होने के बावजूद लोगों ने बढ़-चढ़कर वोट डालें । हालांकि 2015 की अपेक्षा ढेर सारी सीटों पर वोटिंग का प्रतिशत `पिछले चुनाव से कम रहा जिससे लोग यह मानते हैं कि यह वोटिंग का प्रतिशत कोरोना के डर से कम हुआ है । मगर लोगों का रुझान कम नहीं हुआ अगर आंकड़ों पर गौर करें तो ।
पहले चरण में हुए 71 सीटों के मतदान में 26 सीटों पर वोटों का प्रतिशत 2015 की अपेक्षा अधिक हुआ मगर 45 सीटों पर मतदान का प्रतिशत कम रहा । बांका जिला, शेखपुरा जिला, पटना जिला, भोजपुर जिला, कैमूर जिला, अरवल जिला में वोटों का परसेंटेज 2015 की तुलना में कम रहा और लोगों ने कोरोना के चलते घरों से निकलने में कोताही बरती । 71 सीटों पर हुए चुनाव में जिन 26 सीटों पर वोटर का प्रतिशत बढ़ा है उन सीटों में सुल्तानगंज, अमरपुर, धोरैया, बांका, कटोरिया, बेलहर, सूर्यगढ़ा, शेखपुरा, बरबीघा, भोजपुर जिले का शाहपुर, अरवल, कुर्था और नवीनगर, कुटुंबा, रफीगंज, गुरुवा, इमामगंज, बोधगया, बेलागंज, नवादा, गोविंदपुर, वारसलीगंज, सिकटा, जमुई, झाझा और चकाई की सीटें शामिल हैं । शेष 45 सीटों पर वोटिंग का प्रतिशत 2015 के अपेक्षा कम हुआ है ।