संजय भारती

समस्तीपुर : समस्तीपुर जिला के विभिन्न प्रखण्ड क्षेत्रों में नोटबंदी , कोरोना काल के बाद जल जमाव की समस्या से परेशान किसान बेहतर भविष्य की आशा में केसीसी एवं महाजनी कर्ज लेकर टमाटर की खेती भी काम नहीं आया । जब टमाटर तैयार हुआ तो मंडी से खरीददार गायब हैं , फलस्वरूप 4 से 5 रूपये टमाटर किसानों को बेचना पड़ रहा है । इससे परेशान होकर कुछ किसानों ने या तो अपने खेत से टमाटर तोड़ना छोड़ दिया है या तोड़कर फेंक रहे हैं । ताजा मामला सामने आया है कि समस्तीपुर जिला के ताजपुर प्रखण्ड क्षेत्र के मोतीपुर वार्ड संख्या -10 में सड़क किनारे गोआ पर फेंका टमाटर एवं मोतीपुर सब्जी मंडी के सड़क किनारे फेंका टमाटर देखकर जब मामले का पड़ताल किया गया तो किसान ब्रहमदेव प्रसाद सिंह ने बताया कि करीब 1 रूपये किलो टमाटर तोड़ाई मजदूरी 1 रूपये मंडी पहुंचाने का भाड़ा और 1 रूपये गद्दी खर्च जबकि 5 से 6 रूपये किलो उत्तम क्वालिटी का टमाटर बिकता है । इसे भी बिक जाने की कोई गारंटी नहीं है , कुल मिलाकर समस्तीपुर जिला के विभिन्न प्रखण्ड क्षेत्रों में टमाटर उत्पादक किसान औंधे मुंह गिरे हैं । भाकपा माले के प्रखण्ड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि किसान केसीसी कर्ज – महाजनी कर्ज लेकर खेती किये थे लेकिन टमाटर नहीं बिकने से टमाटर किसान परेशान हैं । अब किसानों को एक ओर कर्ज चुकाने तथा दूसरी ओर अगली फसल लगाने की चिंता उन्हें सता रही है । माले नेता ने कृषि अधिकारी से आग्रह किया है कि वे अच्छी कीमत में टमाटर बेचने या उपयुक्त स्टोर में रखने की व्यवस्था के साथ बर्बाद किसानों का केसीसी लोन माफ एंव आगामी फसल के लिए फसल क्षति मुआवजा , नगद राशि समेत नि:शुल्क बिजली , पानी , खाद , बीज , कृषि यंत्र देने की मांग की है ।

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