राज्यपाल से रद्द करने का अनुरोध, सभी मनोनीत सदस्य पूर्णकालिक राजनीतिक नेता:डॉ सुमन लाल
विजय शंकर
पटना । शैडो गवर्नमेंट, बिहार की मुख्यमंत्री डॉ सुमन लाल ने आज कहा कि हाल में बिहार विधान परिषद सदस्य के रूप में जिन 12 लोगों का मनोनयन किया गया है, वे सभी राजनेता है और मनोनयन में संवैधानिक प्रावधानों को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है । 12 सीटों पर राज्यपाल महोदय को साहित्य, कला, विज्ञान, सहकारिता आंदोलन और समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने वाले प्रदेश के अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों का मनोनयन किया जाना था, मगर इन सारे संवैधानिक प्रावधानों को दरकिनार करते हुए वर्तमान सरकार ने सिर्फ राजनीतिक वजूद वाले राजनेताओं को विधान पार्षद के रूप में नामित कर दिया और मनोनयन भी राज्यपाल की ओर से कर दिया गया । यह अनुचित है और असंवैधानिक भी है, इसलिए राज्यपाल को ऐसे असंवैधानिक मनोनयन को अविलंब रद्द करना चाहिए और संविधान के तहत प्रावधानों को पूरा करने वाले विशिष्ट जनों को विधान परिषद सदस्य के रूप में मनोनीत करना चाहिए ।
रविवार को संवाददाता सम्मेलन में शैडो गवर्नमेंट, बिहार की मुख्यमंत्री डॉ सुमन लाल, शैडो गवर्नमेंट के शिक्षा एवं रोजगार मंत्री गगन गौरव, शैडो गवर्नमेंट के नगर विकास मंत्री नीरज सिंह, शैडो गवर्नमेंट के संसदीय कार्य मंत्री सुनील कुमार सिन्हा, शैडो गवर्नमेंट के कानून मंत्री राजेश सिंह, शैडो गारमेंट के वित्त मंत्री अमित विक्रम और शैडो गारमेंट के पुरुषोत्तम ने मनोनयन का विरोध जताया ।
संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में शैडो गवर्नमेंट, बिहार की मुख्यमंत्री डॉ सुमन लाल ने कहा कि अगर 30 दिनों के अंदर राज्यपाल फैसला नहीं लेते, और असंवैधानिक मनोनयन को रद्द कर मानकों के अनुसार सही व्यक्तियों का मनोनयन नहीं करते तो शैडो गवर्नमेंट न्यायपालिका की शरण में जाने को बाध्य होगी । सभी नेताओं ने कहा कि शैडो गवर्नमेंट, बिहार इस मनोनयन का विरोध करती है और राज्यपाल से मांग करती है कि मनोनीत सभी पार्षदों की विस्तृत जानकारी सार्वजानिक की जाए ताकि बिहार की जनता में बनी उहापोह की स्थिति खत्म हो सके । शैडो गवर्नमेंट की डॉ सुमन लाल ने उल्लेख किया कि सभी रिक्त पद 2020 के शुरुआती महीनों से ही खाली पड़े हैं और इसके लिए पिछले वर्ष 16 दिसंबर’20 को ही शैडो गवर्नमेंट की ओर से राज्यपाल को पत्र लिखकर सभी 12 सदस्यों के मनोनयन के लिए ध्यान आकृष्ट किया गया था । उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 171 खंड 3 के उपखंड (ड़ ) एवं खंड -5 के अधीन प्रावधान है कि बिहार विधान परिषद के 12 सदस्यों का मनोनयन बिहार के राज्यपाल द्वारा निर्देशित किया जाएगा । इसके अंतर्गत खंड 5 में उल्लेखित हैं कि महामहिम द्वारा साहित्य, विज्ञान, कला, सहकारी आंदोलन और समाज सेवा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों का मनोनयन किया जाना है । मगर विगत वर्षों से ऐसा देखा जा रहा है कि इन मनोनयन वाली सीटों पर राजनेताओं को चुनिंदा सरकार मनोनीत कर देती है, जो संविधान के प्रतिकूल है । संविधान की रक्षा करना, उसका पालन कराना व संविधान को बचाए रखने का दायित्व राज्यपाल का है और इसके लिए अपने शपथ ग्रहण के समय भी राज्यपाल इसकी शपथ भी लेते हैं, मगर वर्तमान 12 नए विधान परिषद सदस्यों के मनोनयन में राज्यपाल ने अपने इस दायित्व का पालन नहीं किया ।
शैडो गवर्नमेंट, बिहार की मुख्यमंत्री डॉ सुमन लाल ने कहा कि भाजपा व जदयू दोनों दलों ने राजनेताओं का मनोनयन कर संविधान की आत्मा को आहत कर दिया है । उन्होंने कहा कि शैडो गवर्नमेंट की ओर से महामहिम राष्ट्रपति को भी पत्र भेजकर वर्तमान स्थिति से अवगत कराया गया है ताकि बिहार में संविधान की रक्षा कराई जा सके । साथ ही राष्ट्रपति महोदय से अनुरोध किया गया है कि संविधान के तहत विधान परिषद् के नए सदस्यों के मनोनयन के लिए बिहार के राज्यपाल महोदय को निर्देशित किया जाये ताकि संविधान की रक्षा हो सके ।