बिमल चक्रवर्ती

धनबाद , : कोरोना वायरस ने जिन बच्चों से उनके माता पिता को छीन लिया वह बच्चे अब अनाथ नहीं रहेंगे । जिला विधिक सेवा प्राधिकार उनके उत्थान, पालन पोषण और देखरेख की सारी व्यवस्था कराएगा। उक्त बातें गुरुवार को डालसा के सचिव सह अवर न्यायाधीश अरविंद कच्छप ने निरसा में बच्चों के पहचान एवं सत्यापन के दौरान कही। 30 मई को झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार ने पूरे सूबे में कोविड-19 से अनाथ हुए बच्चों को सभी सरकारी सहायता दिलवाने की प्रोजेक्ट लॉन्च की थी। इसी योजना के तहत डालसा के पैरा लीगल वालंटियर सभी गांव, पंचायत में ऐसे बच्चों की पहचान कर रहे हैं, जिनके माता पिता की मौत कोरोना के कारण हो गई। पहचान किए गए उन बच्चों के सत्यापन के लिए गुरुवार को न्यायाधीश खुद निरसा ब्लॉक पहुंचे और निरसा ब्लॉक के श्यामपुर में तीन एवं भागा बांध पंचायत में एक सात माह के बच्चे की सत्यापन की। न्यायाधीश ने बताया कि
योजना के तहत 24 मार्च 2020 से कोविड-19 के प्रकोप से जिन बच्चों ने अपने अभिभावक अथवा माता- पिता को खो दिया है, अथवा जीनके पिता या माता कोई भी जिनके ऊपर इनकी जिम्मेदारी लालन-पालन कि थी एवं वही एक मात्र घर का आर्थिक उपार्जक थे, उन्हें खो दिया है। अथवा उनके वैसे अभिभावक जो इस शहर से दूर रहते हो और उस बच्चे को रखने में असमर्थता जताते हैं तो वैसे बच्चों को चिन्हित कर जिला प्रशासन की मदद से सुविधा मुहैया कराई जाएगी। बताते है कि झालसा द्वारा चलाई जा रही शिशु परियोजना को कार्यान्वित करने के लिए वैधानिक स्वयंसेवकों को
अपने क्षेत्रों में ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति या प्रखंड स्तरीय बाल संरक्षण समिति से मिलकर बच्चों की पहचान करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इस मौके पर बीडीओ विकास कुमार राय, डालसा सहायक मनोज कुमार, सौरव सरकार, अनुराग, पारा लीगल वोलेंटियर पंकज वर्मा , हेमराज चौहान, राजेश कुमार सिंह समेत अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।

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