बंगाल ब्यूरो

कोलकाता। लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष विमल गुरुंग के ममता के समर्थन की घोषणा करने के बाद अब ममता के करीबी रहे विनय तमांग भाजपा के करीब आ रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर पहाड़ पर पृथक गोरखालैंड की मांग को जल्द पूरा करने के लिए कदम उठाने की अपील की है। दो पन्नों के पत्र की एक प्रति बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी भेजी गई है।

इधर विमल गुरुंग ने जबसे ममता बनर्जी के समर्थन की घोषणा की है उसके बाद से विनय तमांग नाराज हैं और पहाड़ पर लगातार तमांग और गुरुंग के समर्थकों के बीच विरोध प्रदर्शन के जरिए शक्ति प्रदर्शन हो रहा है। अब गुरुवार को तमांग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कहां है कि पहाड़ में पृथक गोरखालैंड की बहुप्रतिक्षित मांग का संवैधानिक समाधान जल्द किया जाना चाहिए। उन्होंने दार्जिलिंग और कलिंपोंग जिले के साथ-साथ जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार के तराई क्षेत्रों में रहने वाले गोरखा समुदाय के साथ न्याय की गुहार लगाते हुए कहा है कि उनकी इस मांग को तत्काल पूरा किया जाना चाहिए। तमांग की इस चिट्ठी को भाजपा से करीब आने की कोशिश माना जा रहा है। ‌
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के विनय तमांग की ओर से गोरखाओं के लिए तत्काल ‘संवैधानिक न्याय’ की मांग करके गोरखालैंड को एक बार फिर मुद्दा बना दिया है।
उन्होंने लिखा, “गोरखाओं ने अपने स्वयं के एक अलग राज्य की मांग की है जो पूरी तरह से न्यायसंगत है क्योंकि दार्जिलिंग क्षेत्र एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जिसे उत्तर पूर्व से छोड़ दिया गया है, जबकि यह क्षेत्र पूर्वी हिमालय का हिस्सा है और आम तौर पर भूगोल और जलवायु दोनों पूर्वोतर से मिलते हैं। आर्थिक पिछड़ेपन की समग्र स्थिति और लोगों के सांस्कृतिक व्यवहार और पारंपरिक व्यवहार के अलावा उचित बुनियादी ढांचे की कमी के आधार पर, हम आपसे उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास की सुविधा का विस्तार करने के लिए गोरखालैंड की मांग करते हैं।

 

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