विजय शंकर
पटना । भाकपा-माले के वरिष्ठ कामरेड 75 वर्षीय प्रो. वीरेन्द्र प्रसाद सिंह का मुज़फ़्फ़रपुर के गोबरसही स्थित निवास पर आज सुबह निधन हो गया। वे कई दिनों से बीमार थे। उनके निधन पर राज्य कार्यालय में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। उनके निधन पर पार्टी कतार व सगे-संबंधियों में शोक की लहर फैल गई है। सिकंदरपुर नदी किनारे श्मशान घाट पर उनकी अंत्येष्टि संपन्न हुई।
पटना में आयोजित श्रद्धाजंलि सभा में माले राज्य सचिव कुणाल, धीरेंद्र झा, अमर, महबूब आलम, अभ्युदय, संदीप सौरभ, कमलेश शर्मा, रणविजय कुमार, प्रकाश कुमार, समता, मुर्तजा अली आदि पार्टी नेता शामिल हुए.
माले राज्य सचिव कुणाल ने श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि प्रो.वीरेन्द्र प्रसाद सिंह मुजफ्फरपुर साइंस कॉलेज के रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष पद से दस साल पहले सेवा निवृत्त हुए थे। वे छात्र जीवन से ही वामपंथी धारा से सक्रियता से जुड़ गए थे। और 1969 में ही पार्टी के गठन के साथ ही भाकपा-माले में शामिल हो गए थे। और तब से अध्यापक रहते हुए भी वे पार्टी के कार्यकर्ता बने रहे। वे पार्टी की नेतृत्वकारी कमेटियों में लगातार शामिल रहें हैं। उनमें जनता की सेवा करने की अथाह भावना थी। वरीय अध्यापक रहते हुए भी सीधा जीवन और उच्च विचार के वे प्रतिमूर्ति थे। गरीबों से उनका विशेष लगाव था। पार्टी जिला कमेटी सहित पूरी पार्टी श्रद्धांजलि प्रकट करते हुए उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है।
प्रो. वीरेन्द्र बाबू अपने पीछे पत्नी सहित तीन पुत्र, एक पुत्री और पोते-पोती से भरा परिवार छोड़ कर गए हैं। उनका गांव वैशाली जिला में जन्दाहा प्रखंड स्थित भथाही है।