विजय शंकर
पटना । नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज कहा कि बिहार को केंद्र सरकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है उल्टे ऑक्सीजन वैक्सीन आवंटन में भी भेदभाव किया जा रहा है। घनी आबादी, उच्च संक्रमण दर, आधारभूत स्वास्थ्य संरचना की भारी कमी के लिहाज़ से बिहार का जो कोटा निर्धारित होना चाहिए उसमें भारी कटौती की गयी है। केंद्र सरकार द्वारा बिहार के साथ सौतेला बर्ताव क्यों किया जा रहा है? ऐसा नहीं होना बिहार NDA के 48 सांसदों, BJP-JDU की केंद्र और राज्य सरकार के निकम्मेपन, नकारेपन, मसखरेपन व नाकामियों का सबूत है।
ऊन्होने कहा कि मैं NDA नेताओं से आग्रह करता हूँ कि निड़र होकर दलगत भावना से ऊपर उठ इस महामारी में बिहार को वाजिब हक़ के लिए आवाज़ उठाए। हम सबों की सामूहिक ज़िम्मेदारी है की दवा व ईलाज के अभाव में किसी की भी जान ना जाए। बिहार से क्षेत्रफल और आबादी में 5-6 गुणे छोटे प्रदेशों जैसे हरियाणा, गुजरात इत्यादि को दवा,ऑक्सीजन वैक्सीन इत्यादि का आवंटन अधिक क्यों किया गया है? बिहार में ESIC के दो अस्पताल पूर्ण क्षमता के साथ संचालित क्यों नहीं किए जा रहे है? कितने दिनों से हाथ जोड़ प्रार्थना कर रहा हूँ कि बिहार में अवस्थित 500 से अधिक बिस्तरों से सुसज्जित ESIC के पटना, मुज़फ़्फ़रपुर के दोनों अस्पतालों का पूर्ण संचालन शुरू कर दिजीए लेकिन अधर्मी सरकार ऐसा नहीं कर रही है चाहे लोग मरते रहे।
उन्होंने नीतीश सरकार पर तंज करते हुए कहा कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री, दो-दो उपमुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और किसी भी सांसद की हैसियत नहीं कि इन अस्पतालों को यथाशीघ्र शुरू करवा सके? क्या बिहार और केंद्र सरकार मिल कर कुछ समय के लिए डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों की इन ESIC अस्पतालों में अस्थायी नियुक्ति नहीं कर सकती ताकि मरीज़ों को वापस लौटना और मरना ना पड़े। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतने असहाय कमजोर और डरपोक क्यों है? वो खुल कर केंद्र के सामने विरोध प्रकट क्यों नहीं कर रहे है?