बिहार ब्यूरो 
पटना ; राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग और बिहार विधालय परीक्षा समिति पर डीएलएड प्रशिक्षुओं के भविष्य के साथ खिलवाड करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बिहार के सरकारी एवं गैर सरकारी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय से डीएलएड कर रहे प्रशिक्षुओं का सत्र 2020-22 एवं 2019-21 की प्रथम एवं द्वितीय वर्ष की परीक्षा नवंबर माह में संपन्न हुई थी।इसके बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने कॉपियों की मूल्यांकन के लिए 7 दिसम्बर से तिथि निर्धारित कि थी , लेकिन अचानक 6 दिसंबर को बिहार बोर्ड ने सूचना जारी कर इस मूल्यांकन कार्य को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया।परीक्षा हुए एक महीने होने को है लेकिन बिहार बोर्ड द्वारा अभितक पुन: मूल्यांकन की सूचना जारी नहीं की गई है।

बिहार विधालय परीक्षा समिति का कहना है कि सरकारी प्रशिक्षण महाविद्यालय के शिक्षकों के बिना मूल्यांकन कार्य संभव नहीं है। यदि निजी प्रशिक्षण महाविद्यालय के शिक्षक कॉपी का मूल्यांकन करेंगे तो रिज़ल्ट प्रभावित हो सकता है। उधर सरकार के शोध एवं प्रशिक्षण निदेशालय द्वारा सरकारी प्रशिक्षण महाविद्यालयों में प्रशिक्षुओं का पढ़ाई बाधित होने का हवाला देकर सरकारी प्रशिक्षण महाविद्यालय के शिक्षकों को कॉपी का मूल्यांकन करने पर रोक लगा दी गई है। यदि जनवरी में डीएलएड प्रशिक्षणार्थियों के कॉपी का मूल्यांकन नहीं हो पाया तो फरवरी में इंटर के परीक्षा होने है तो फिर मूल्यांकन कार्य फरवरी के बाद ही संभव है।
बिहार सरकार और शिक्षा विभाग बार बार डीएलएड प्रशिक्षुओं के साथ दोहरी नीति अपनाती रही है।न तो बिहार में समय पर नियुक्ति पूरी होती है और न ही किसी परीक्षा का रिजल्ट हीं समय पर जारी होता है।शिक्षा विभाग और बिहार बोर्ड के आपसी मतभेद से डीएलएड प्रशिक्षुओं का भविष्य खतरे में है। सत्र के लेट हो जाने के कारण वे अन्य पाठ्यक्रम में नामांकन भी नहीं ले पाए। और न नौकरी के लिए कहीं आवेदन ही कर पाये ।
राजद प्रवक्ता ने जल्द मूल्यांकन कार्य पूरा कर 15 जनवरी तक रिजल्ट देने की मांग की है।

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