विजय शंकर 
पटना : बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 संजय जायसवाल के बयान पर जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधान पार्षद प्रो0 रणबीर नंदन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
संजय जायसवाल ने कहा था कि महाराष्ट्र की जनसंख्या बिहार से अधिक है फिर भी बिहार को केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र से अधिक हिस्सेदारी दी है। इस मामले में प्रो0 रणबीर नंदन ने संजय जायसवाल के बयान को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र से बिहार की तुलना करना बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि बिहार और महाराष्ट्र में कोई तुलना ही नहीं की जा सकती है। यह अरब सागर के किनारे स्थित राज्य है। मुंबई जैसा औद्योगिक क्षेत्र और देश की आर्थिक राजधानी यहां पर है। ऐसे में केवल केंद्रीय मदद के आधार पर दोनों की तुलना किए जाने से बात नहीं बनेगी। दो दशक पहले जब बिहार से झारखंड को अलग कर दिया गया तो प्रदेश के पास बचा ही क्या?
प्रो0 नंदन ने कहा कि बिहार को बाढ़ और सुखाड़ मिला है। प्राकृतिक संसाधनों में कोई हिस्सेदारी बिहार के पास नहीं है। खनिज भंडार झारखंड के पास चले गए। किसानों की मेहनत और एक विकास की दृष्टि रखने वाला नेतृत्व ही इस प्रदेश को विकास के मार्ग पर ले जाने का प्रयास कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने पिछले डेढ़ दशक से प्रदेश को बिना संसाधनों के ही डबल डिजिट के विकास दर पर बनाए रखा है। अब बिहार की आकांक्षा महाराष्ट्र के समकक्ष खड़ा होने की है। इसलिए, उससे तुलना नहीं होनी चाहिए, बल्कि उसके साथ मिलकर चलने लायक बनाने के लिए विशेष रूप से कार्य किए जाने की जरूरत है।
प्रो0 नंदन ने कहा कि महाराष्ट्र राष्ट्रीय औद्योगिक उत्पादन का 13 फीसदी का योगदान देता है। जीएसडीपी में करीब 46 फीसदी का योगदान उद्योगों से है। 80 हजार करोड़ से अधिक वार्षिक निर्यात होता है। महाराष्ट्र में 64.14 फीसदी लोग कृषि पर निर्भर हैं। मनोरंजन से लेकर फैशन तक के उद्योग वहां पर स्थित है। खनिज संपदाओं के मामले में भी महाराष्ट्र काफी धनी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि बिहार और नॉर्थ ईस्ट के विकास के बिना देश में विकास संभव नहीं है। इसके बाद भी बिहार को विकसित बनाने के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। प्रदेश में विकास के लिए एक बेहतर माहौल बनाने की जरूरत है।

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