जितने सर्वे उतने दावे , अब कल के नतीजों पर सबकी नजर , संभावनाओं पर चौक-चौराहों पर चर्चा

विजय शंकर
पटना । अब तक जो बिहार चुनाव को लेकर परिणाम पर सर्वे आए हैं उन सर्वे में स्थिति एक जैसी नहीं है । कहीं बीजेपी गठबंधन को ज्यादा सीटें मिल रही हैं तो कहीं महागठबंधन को ज्यादा सीटें दी गई हैं । ऐसे में चुनाव का परिणाम किस करवट बैठेगा, कुछ कहा नहीं जा सकता । जितने सर्वे उतने दावे , भाजपा गठबंधन और महागठबंधन की सरकारों के बीच तीसरी सम्भावना नीतीश सरकार के अलग समीकरण की भी है । अब कल के नतीजों पर सबकी नजर है और संभावनाओं पर चौक-चौराहों पर चर्चा गर्म है ।

एनडीए में दलों के लोग जीत के दावे से पीछे नहीं हटते और अपने गठबंधन की जीत को प्रबल जीत बताकर दावे कर रहे हैं । वही महागठबंधन की ओर से जो सीटें मिल रही हैं उस पर महागठबंधन ना सिर्फ प्रसन्न है बल्कि बहुमत के साथ जीत के दावे महागठबंधन के लोग कर रहे हैं । ऐसे में चुनाव परिणाम क्या होगा? किसका एग्जिट पोल फेल होगा और किसका एग्जिट पोल जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप होगा, यह कहना अभी मुश्किल है जिसपर फैसला कल देर शाम तक संभव है ।

अगर एग्जिट पोल की बात करें तो ओवरऑल सर्वे में महागठबंधन के दलों को भाजपा गठबंधन के दलों से ज्यादा सीटें मिली हैं । यही कारण है कि महागठबंधन के दल जीत की तैयारियों में लग गए हैं और कांग्रेस भी अपनी रणनीति बनाने में जुट गई है । ऐसे में महागठबंधन को मिली सीटें जिस तरह सामने आ रही है उसमें कांग्रेस के पास मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने की ताकत संभवत नहीं रहेगी क्योंकि कांग्रेस को जो सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं उसमें राजद से काफी कम सीटें दिखाई जा रही है । फिर भी कांग्रेस राजस्थांन जैसे हालात नहीं बने इसके लिए कांग्रेस ने अपने दो धुरंधर आब्जर्वर को तैनात भी कर दिया है ।

यू देखा जाए तो शहरी क्षेत्र के वोटरों ने एनडीए को काफी वोट दिए हैं और शहरी क्षेत्र के वोटरों पर भाजपा एनडीए की निर्भरता ज्यादा देखी जा रही है , जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में महागठबंधन को ज्यादा वोट पड़े हैं । हालांकि महागठबंधन के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा गठबंधन को वोट मिलने के दावे भी किये जा रहे हैं । ऐसे में महागठबंधन के दावे पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है । इसके अतिरिक्त बिहार में पहले से चले आ रहे जातीय समीकरण का इस चुनाव में भी असर पड़ा है और इसी जातीय समीकरण को लेकर एनडीए और महागठबंधन दोनों को वोट डाले गए हैं । अगर मांझी समाज की वोट की बात करें तो एनडीए को इस समाज का पूरा वोट मिला है क्योंकि भाजपा के साथ वीआईपी के मुकेश साहनी और जदयू के साथ हम पार्टी के जीतन राम मांझी चुनाव लड़े थे । ऐसे में इस समाज का पूरा वोट एनडीए की तरफ पोल किए जाने के दावे किए जा रहे हैं जो वास्तविकता के आधार पर काफी मजबूत है ।

अगर यादव और मुस्लिम जाति के वोटों की बात करें तो मुस्लिम समाज के वोटर हर बार की तरह इस बार भी चुनाव में पूरी तरह बढ़ चढ़कर महागठबंधन के साथ रहे हैं । यादव समुदाय के लोग महागठबंधन को ना सिर्फ तेजस्वी के 10 लाख को नौकरी देने के वादे को देखकर वोट डाले हैं बल्कि नीतीश सरकार के 15 साल के उबन के बाद महागठबंधन के पक्ष में वोट करने का काम किया है । वही मुस्लिम समाज के लोगों ने भाजपा को हराने के लिए महागठबंधन को वोट किया है । मुस्लिम समाज के लोगों ने यह भी नहीं देखा की एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी के पक्ष में वोट करें बल्कि मुस्लिम समाज ने उसको भी खारिज कर दिया और एक पक्षीय वोट महागठबंधन के पक्ष में देने की कोशिश की । इन दोनों वोटों के पोलराइजेशन (ध्रुवीकरण) के कारण ही महागठबंधन को सीटें ज्यादा मिलने की संभावना बन गई है । मुस्लिम समाज के नेता एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस बात को स्वीकार किया है । ओवैसी सीमांचल में अपने काफी उम्मीदवार खड़े किए थे मगर उन सीटों पर मुसलमानों ने उनके प्रत्याशियों को खारिज करते हुए महागठबंधन में ही वोट डाल दिया । जहां महागठबंधन के प्रत्याशी मजबूत नहीं थे वहां मुस्लिम समाज के लोगों ने रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा को वोट दिया जिसके कारण रालोसपा को इस चुनाव में कुछ सीटें मिलनी संभावित हो गई है ।
अब अगर सर्वे की बात करें तो ओवरऑल सर्वे में जो एबीपी न्यूज़ ने दिखाया है उसमें भाजपा गठबंधन को 111 की सीटें और महागठबंधन को 122 सीटें मिलने के दावे किए गए हैं जिसमें 10 सीटें अन्य को दी गई । इसी तरह के महागठबंधन की बढ़त वाले सर्वे IBN7 ने भी दिखाए हैं जिसमें भाजपा गठबंधन को 95 सीटें और महागठबंधन को 137 सीटें दी गयी जबकि अन्य को 11 सीटें दी गई । एक अन्य न्यूज़ चैनल की बात करें तो उसमें ऐसा कहा गया है कि पूरे बिहार की जनता मोदी को हराना चाहती थी और मोदी का चेहरा फेल हो गया । जी न्यूज़ में भाजपा गठबंधन को 162 सीटें दी गई हैं जबकि राजद महागठबंधन को मात्र 51 सीटें दी गई हैं और स्पष्ट तौर पर यह कहा गया कि भाजपा गठबंधन की सीटें किसी उम्मीद से ज्यादा मिलने वाली हैं ।
इंडिया टुडे के सर्वे के मुताबिक आज तक चैनल ने भाजपा और जदयू गठबंधन को पराजित कर दिया है और इस गठबंधन को 39 फीसदी वोटों के साथ मात्र 69 से 91 सीटें मिलने की बात कही गई है जबकि राजद के बारे में आज तक टीवी सर्वे में महागठबंधन को 139 से 161 सीटें दी गई है जिसमें 44 फीसदी वोट मिलने की बात की गई है । अकेला चलो की तर्ज पर लड़ने वाली लोजपा के बारे में मात्र 3 से 5 सीट जीतने की संभावनाएं बताई गई है जबकि कहा गया है कि मात्र 7% वोट लोजपा को मिला है । जिसमें 135 सीटों पर लोजपा ने चुनाव लड़ा था । आज तक चैनल ने 6 से 10 सीटों को उनके खातों में डाला है । आज तक के सर्वे के मुताबिक प्रवासी मजदूरों को लेकर बिहार में चुनाव पर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है, मगर सच यह है कि 100 सीटों पर प्रवासी मजदूर मजबूत स्थिति में थे । इन 100 सीटों में एनडीए के खाते में 35 फीसदी बेरोजगारों ने वोट किया और 37 फ़ीसदी प्रवासी मजदूरों ने वोट डाले । जबकि महागठबंधन को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किए गए और असंतोषपूर्ण कार्यों के कारण बेरोजगारों ने एनडीए से ज्यादा 47 फीसदी वोट दिया जबकि अप्रवासी बिहारियों ने 44 फीसदी वोट महागठबंधन को दिया । इसी तरह नगर उम्र के आधार पर वोटों की गणना के हिसाब से 48 फ़ीसदी वोट एनडीए को मिले हैं जबकि 38 फ़ीसदी वोट महागठबंधन को मिले । व्यवसाय से जुड़े लोगों की बात करें तो 37 फीसदी वोट एनडीए के खाते में गए हैं जबकि 44 फीसदी वोट महागठबंधन लेने में सफल रहा है । इसी तरह के सर्वे News24 ने भी दिए हैं जिसमें भाजपा गठबंधन को भाजपा को 73 सीट और जेडीयू को 69 सीट जबकि हम को 3 सीट दी गई हैं जबकि महागठबंधन को 162 सीटें देने की बात कही गई है । लोजपा को 7 सीटें और रालोसपा को 3 सीटें देने की बात News24 ने की है । गठबंधन के हिसाब से महागठबंधन को जो सीटें दी गई हैं उसमें 75 सीटें राजद को और 18 सीटें कांग्रेस को दी गई हैं जबकि इनके साथ के दलों को भी 8 सीटें दी गई । एक अन्य टीवी के सर्वे में भाजपा को 128 सीटें दी गई है जबकि महा गठबंधन को 122 सीटों पर निबटा दिया गया ।

अगर सर्वे वास्तविकता में उतरते हैं तो ज्यादा संभावना बनेगी कि महागठबंधन सरकार बना ले और अगर यह सर्वे धरातल पर नहीं उतरते हैं तो संभव है कि भाजपा और गठबंधन सरकार बनाने में सफल हो जाए । मगर इनके बीच तीसरी संभावना सरकार बनाने की यह भी बन रही है जदयू नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक नया गठबंधन बनाकर सरकार बनाने में कामयाब हो सकती है , मगर चुनाव परिणाम के बाद ही ऐसी सम्भावना दिख व बन पायेगी ।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *