#राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित संथाली मुंडारी सहित हिंदी भाषाओं की फिल्मकारों की फिल्मों का किया गया प्रदर्शन*

नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो

रांची। बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान रांची में आयोजित झारखंड आदिवासी महोत्सव 2023 में आज झारखंड फिल्म फेस्टिवल में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित संथाली मुंडारी सहित हिंदी भाषाओं की फिल्मकारों की फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।
फिल्म फेस्टिवल में स्नेहा मुंडारी की मुंडारी फिल्म आबुआ पाइका, निरंजन कुजूर की संथाली फिल्म डीबी दुर्गा,दीपक कुमार बेसरा की फिल्म मोहोट, सलल मुर्मू की फिल्म सोनधायनी, सतीश मुंडा की फिल्म जादूगौड़ा सहित बहुत सी फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।*

स्नेहा मुंडारी की फिल्म आबुआ पाईका मुंडा समाज की पहली मूवी है, जिसे राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित किया जा चुका हैं। आबुआ पाइका फिल्म 25 वर्षीय पांडया मुंडा की कहानी है जो एक पाइका डांसर है और ये मुंडा समाज के रहन सहन, परंपरा को रिप्रेजेंट करते हैं।

वहीं निरंजन कुमार कुजूर की फिल्म डिबी दुर्गा एक महिला की कहानी है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक महिला सुबह से रात तक पूरे घर की जिम्मेदारी निभाती है। मात्र छह मिनट की इस फिल्म में एक घरेलू महिला के जीवन के एक दिन के बारे में बहुत ही सुंदर तरीके से बताया गया है।

वही सतीश मुंडा की जादूगोड़ा फिल्म एक पिता और बेटी की कहानी है जिसमें दिखाया गया है कि जादूगोड़ा में होने वाले रेडिएशन के कारण कैसे उनकी जिंदगी में बदलाव आते है।

सेरल मुर्मू की संथाली फिल्म* *सोनधायनी कहानी, सोनधायनी जड़ी-बूटी के माध्यम से बताई गई है कि कैसे हम आगे बढ़ाने की होड़ में प्रकृति को पीछे छोड़ रहे हैं उसके संतुलन को बिगाड़ रहे है।इस मूवी में इंसान और प्रकृति के संतुलन के बारे में बताया गया।

महोत्सव में इसी तरह कई उम्दा और बेहतरीन फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा हैं।

झारखंड आदिवासी महोत्सव में कल पेनल्टी कॉर्नर, रावह, बवाडू जैसी फिल्मों को दिखाया जायेगा।

समय निकालकर आप भी आइए न बिरसा मुण्डा स्मृति उद्यान, रांची और आदिवासी समाज की महान संस्कृति को जानिये और बेहतरीन फिल्मों से भी रूबरू होइए।

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