बंगाल ब्यूरो
कोलकाता । पश्चिम बंगाल में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के जरिए शिक्षकों की नियुक्ति में हुई बड़ी धांधली के मामले में जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने एक बार फिर एसएससी के तत्कालीन सलाहकार रहे शांति प्रसाद सिन्हा को तलब किया है। उनके अलावा सलाहकार समिति के सदस्य रहे अन्य चार अधिकारियों को भी आज यानी शुक्रवार को बुलाया गया है। केंद्रीय एजेंसी के एक सूत्र ने बताया कि उन्हें निजाम पैलेस स्थित केंद्रीय एजेंसी के क्षेत्रीय मुख्यालय में पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा गया है। इसके पहले न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली के आदेश पर पुलिस ने इन पांचों को सीबीआई के समक्ष हाजिर कराया था। अगर इस बार भी वे नहीं आते हैं तो कार्रवाई की संभावना है।
गत दिन पहले ही गत छह अप्रैल को सीबीआई ने एसएससी के जरिए शिक्षकों की नियुक्ति में हुई बड़ी धांधली के मामले में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल की है। इसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि प्रारंभिक जांच में स्पष्ट हो गया है कि शिक्षकों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। 2019 में शिक्षकों की नियुक्ति के दौरान स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसेड्यूर (एसओपी) का पालन किए बगैर गैरकानूनी तरीके से सलाहकारों के निर्देश पर नियुक्ति कर दी गई।
सीबीआई एसएससी के पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा से पूछताछ कर चुकी है। उनके बयान को भी अदालत में जमा किया गया है।
सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि सिन्हा के बयान में एसएससी के प्रोग्राम आफिसर समरजीत आचार्य का नाम सामने आया है। अदालत ने सीबीआइ को निर्देश दिया है कि आरोपितों से पूछताछ में जिनके भी नाम सामने आ रहे हैं, उन सभी को बुलाकर पूछताछ करनी होगी। इससे पहले समरजीत आचार्य ने कहा था कि नियुक्ति संबंधी सभी सिफारिशें सिन्हा की तरफ से की गई थीं।