विजय शंकर

पटना। भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। केन्द सरकार ने देश को वर्ष 2047 तक विकसित देश बनाये जाने का लक्ष्य रखा गया है। बिहार प्रदेश जो विकास के लगभग सभी पैमाने पर एक पिछड़ा राज्य है को विकासित भारत का एक अंग के रूप में आगे बढ़ने तथा विकसित राज्य की श्रेणी में पहुंचने के चिन्तन को रखते हुए बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन ने आज दिनांक 20-03-2025 को बिहार भ्रमण पर आये 16वें वित्त आयोग के साथ विभिन्न हितधारकों के साथ आयोजित विचार-विमर्श्र बैठक के दौरान रखी। बैठक में बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से उपाध्यक्ष सीए आशीष रोहतगी ने राज्य के त्वरित आर्थिक-औद्योगिक विकास पर अपना लिखित ज्ञापन के साथ-साथ अपनी बातों को विस्तृत रूप से रखा। हमने अपने ज्ञापन में देश की जनसंख्या, जनसंख्या घनत्व, औद्योगिक पिछड़ापन, राष्ट्रीय औसत आय से लगभग एक तिहाई राज्य की प्रति व्यक्ति आय, पिछड़ा समाजिक एवं भौतिक आधारभूत संरचना के मद्देनहर अपनी सुझाव एवं मांग को रखा। हमने मानव संसाधन को विकास का एक महत्वपूर्ण अवयव के रूप में रखे जाने के मद्देनजर शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास के क्षेत्र में सरकार द्वारा आवश्यक धन राशि उपलब्ध कराने की सुझाव रखी है वहीं दूसरी ओर हमने भौतिक आधारभूत संरचना जैसे सड़क, रेल, जलमार्ग, ऊर्जा, औद्योगिक भूखंड के लिए भविष्य की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए हमने अपना तार्किक पक्ष वित आयोग के समक्ष प्रदेश के लिए विशेष धन राशि उपलब्ध कराने का अनुशंसा किए जाने का सुझाव रखा है। हमने प्रदेश में बैंकों के द्वारा साख जमा अनुपात की ओर भी आयोग का ध्यान आकृष्ट किया है वही बिहार को प्रति वर्ष आने वाले भयंकर बाढ़ से होने वाली तबाही से निजात दिलाने के लिए आयोग से विशेष सहायता की अनुशंसा करने की मांग रखी है। भविष्य की ऊर्जा – सौर ऊर्जा का राज्य में अधिक-से-अधिक उपयोग हो इसके लिए भी हमने आयोग से राज्य के लिए आवश्यक अनुदान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है जिससे कि राज्य को एक ओर स्वच्छ ऊर्जा मिले तो दूसरी ओर पर्यावरण भी स्वच्छ हो।
हमने राज्य की जनसंख्या, बेरोजगारी के मद्देनजर रोजगार के स्थायी साधन उपलब्ध कराने के मद्देनजर राज्य में तीव्र विकास किए जाने की आवश्यकता जताते हुए औद्योगिकरण के लिए औद्योगिक टाउनशीप स्थापित करने की सुझाव आयोग के समक्ष रखा है।

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