आयोजन समिति ने बैठक कर लोगों से कही कोविड जागरुकता की बात, अहिरौली में पहला पड़ाव, वहां तैयारियों को मिला अंतिम रूप
पटना / बक्सर । बक्सर का जगत विख्यात पंचकोश मेला 5 दिसम्बर को प्रारंभ हो रहा है। पहला पड़ाव अहिरौली गांव होगा। जहां कभी माता अहल्या का उद्धार भगवान श्री राम की चरण रज मिल जाने से हुआ था। त्रेता युग में जब भगवान महर्षि विश्वामित्र के साथ बक्सर आए थे। तो यहां के पांच आश्रमों पर उन्होंने भ्रमण किया था। अहिरौली में गौतम ऋषि का आश्रम हुआ करता था। वहीं मेले का पहला पड़ाव होता है। इस मेले को लेकर प्रशासन ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
दूसरी तरफ कोविड-19 को देखते हुए एहतियात भी जारी किए गए हैं। पंचकोशी परिक्रमा समिति की बैठक भी गुरुवार को बसांव मठ पर संपन्न हुई। समिति के सचिव कथावाचक डाक्टर रामनाथ ओझा ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा है कि इस वर्ष कोविड के कारण मेला प्रतीकात्मक रुप में मनाया जाएगा। मेला स्थानों पर समिति ने इस वर्ष रात्रि विश्राम का इंतजाम नहीं किया है।
लोग रात्रि विश्राम वापस अपने निजी ठिकाने पर ही करें तो बेहतर होगा। साथ ही बच्चे और बुजुर्ग मेले से दूर रहें यह उनके स्वास्थ्य के लिए उचित है। उन्होंने आग्रह किया है। जो भी मेला क्षेत्र में जाए वे मास्क का प्रयोग जरुर करें। वहीं सदर एसडीओ कृष्ण कांत उपाध्याय ने सुरक्षा व्यवस्था व मेले को लेकर बढऩे वाले यातायात के बोझ को नियंत्रित करने के लिए सभी चौक-चौराहों पर पुलिस बल तैनात करने का निर्देश दिया है।

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