नवराष्ट्र मीडिया नेशनल ब्यूरो
नई दिल्लीः फर्जी कागजात के साथ भारत में विदेशियों (म्यांमार रोहंगिया) के अवैध तरीके से दाखिल करवाने वाले अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्कर गिरोह के 24 सदस्यों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपने आरोप-पत्र में आरोपित किया है। इन आरोपियों में म्यांमार मूल के चार बंगलादेशी नागरिक भी शामिल हैं जिन्होंने फर्जी दस्तावेज के आधार पर भारत में प्रवेश किया।
आरोप-पत्र असम की राजधानी गुवाहाटी स्थित एनआईए की विशेष अदालत में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं, विदेशी नागरिक अधिनियम एवं पासपोर्ट अधिनियम,1920 के तहत दाखिल किया गया है।
इस मामले में सर्वप्रथम असम, त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर व पश्चिम बंगाल के 39 ठिकानों में राज्य पुलिस की मदद से की गई एनआईए की छापेमारी के दौरान 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, बैंक के कागजात व डिजिटल डिवाईस जब्त किए गए थे। फिर बाद में अनुसंधान के दौरान त्रिपुरा से चार और अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।
हालांकि पहले असम पुलिस ने पासपोर्ट एक्ट 1967 के तहत कुछ असामाजिक तत्वों के खिलाफ इस मामले को दर्ज किया था। जानकारी मिली थी कि देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए एक सिंडिकेट बंगलादेशी नागरिक म्यांमार के रोहंगिया को फर्जी दस्तावेजों की बीना पर प्रवेश करवा रहे हैं। फिर एनआईए ने इस मामले का अनुसंधान हस्तगत किया।
अनुसंधान के क्रम में यह भी जानकारी मिली कि अंतर्राष्ट्रीय तस्कर गिरोह असम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल व अन्य इलाकों में भारत-बंगलादेश सीमा पर सक्रिय हैं। ये सिंडिकेट नियमित रूप से म्यांमार मूल के रोहंगिया के देश में घुसपैठ करवा रहे हैं जिनका उपयोग देश में विध्वंसक गतिविधियों को चलाने में किया जाए। इस नेटवर्क का संबंध देश अन्य भागों में अवैध गतिविधियों को अंजाम देने में शामिल संगठनों से भी है।