रांची । झारखण्ड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार के एक साल पूरे होने के अवसर पर मोरहाबादी मैदान में राज्यस्तरीय समारोह का आयोजन हुआ जिसमें मुख्यमंत्री ने कई योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास भी किया । मुख्यमंत्री ने समारोह में झारखंड कॉफी टेबुल बुक और इमर्जिंग झारखंड के लोगो (प्रतीक चिन्ह ) का भी अनावरण किया । मुख्यमंत्री ने सरकार के पिछले एक साल की उपलब्धियों से लोगों को अवगत कराया और भविष्य की कार्य योजनाओं की भी जानकारी दी । मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लक्ष्यों के साथ सरकार आगे बढ़ रही है, अगले पांच साल में झारखंड को किसी से सहयोग लेने की जरूरत नहीं होगी । उन्होंने कहा कि जाति, आय़, जन्म, मृत्यु और आवासीय प्रमाण पत्र आदि 15 दिनों में बनाये जायेंगे और विलंब करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी ।

मुख्यमंत्री ने सरकार के एक साल पूरे होने पर राज्य के लिए कुर्बानी देने वाले धरती पुत्रों और महापुरुषों को नमन करते हुए राज्यवासियों को शुभकामनाएं दी । उन्होंने कहा कि राज्य के आंतरिक संसाधन में खनिज संपदा के साथ ही साथ पर्यटन, खेल, शिक्षा, कला-संस्कृति समेत कई अन्य क्षेत्रों में भरपूर क्षमताएं विद्यमान है । इन सभी क्षमताओं का बेहतर इस्तेमाल कर झारखंड राज्य का सर्वांगीण विकास संभव है । मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने संकल्प लिया है कि जिन लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ रहे हैं, उससे अगले पांच सालों में झारखंड अपने पैरों के बल खड़ा होगा. ना तो विश्व बैंक या अन्य संगठनों से ऋण या सहायता लेने की जरूरत पड़ेगी औऱ ना ही केंद्र सरकार से सहयोग की । झारखंड खुद अपनी जरूरतों को पूरा करने के साथ दूसरों की भी मदद करने में सक्षम होगा । इस मौके पर मुख्यमंत्री ने झारखंड कॉफी टेबुल बुक और इमर्जिंग झारखंड के लोगो (प्रतीक चिन्ह) का अनावरण किया । इससे पहले समारोह स्थल पहुंचने पर मुख्यमंत्री का पारंपरिक तरीके से भव्य स्वागत किया गया ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंडी होना ही उनकी पहचान है । झारखंडी होने पर मुझे गर्व है । आपके आशीर्वाद से सरकार बनाई है । आपने नेतृत्व करने का मौका दिया है, लेकिन मैं भी आपके जैसा ही सामान्य इंसान हूं । जनता की उम्मीदों को पूरा करना मेरी पहली प्राथमिकिता है । हमारी सरकार ने जो वादे किए हैं, उसे पूरे किए जा रहे हैं ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं । पूरी दुनिया कोरोना संक्रमण के दौर से गुजर रही है । इस वैश्विक महामारी से झारखंड भी अछूता नहीं है, लेकिन, राज्यवासियों, सरकारी पदाधिकारियों-कर्मियों, कोरोना वॉरियर्स, महिला समूहों, पुलिसकर्मियों, स्वास्थ्यकर्मियों आदि के सहयोग से कोरोना को नियंत्रित करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं । इस दिशा में सरकारी अस्पतालों में सीमित संसाधनों के बीच कोरोना संक्रमितों का जिस बेहतर तरीके से इलाज किया गया, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम होगी । इस पूरे दौर में सभी ने धैर्य का परिचय दिया एवं बेहतर प्रबंधन की मिसाल पेश की है ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉक डाउन के दौरान हमारी सरकार ने जीवन को सुरक्षित रखने तथा उनके जीविकोपार्जन की व्यवस्था करने के लिए जो कदम उठाए, उसने नया कीर्तिमान बनाया है । झारखंड देश के वैसे राज्यों में शामिल हैं, जहां कोरोना के सबसे कम मामले सामने आए औऱ सबसे कम मौतें हुईं । उन्होंने कहा कि लॉक डाउन में प्रवासी मजदूरों को हवाई जहाज और ट्रेन ने वापस लाने वाला झारखंड देश का पहला राज्य था । इतना ही नहीं महिला समूहों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर लाखों गरीबों, जरूरतमंदों और मजदूरों को मुफ्त भोजन कराया । सरकार ने इनके बीच मुफ्त में राशन का वितरण किया । हमारा यह संकल्प रहा है कि राज्य में कोई भूखा नहीं सोये. जगह-जगह पर भोजन की व्यवस्था (दीदी किचेन) की गई । इतना ही नहीं, श्रमिकों को अपने गांव-घर में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा के तहत तीन महत्वकांक्षी योजनाएं शुरू करने के साथ करोड़ों मानव दिवस सृजित किए गए. इतना ही नहीं, मनरेगा के तहत मजदूरी दर भी बढ़ाकर 225 रुपए प्रतिदिन करने का भी सरकार ने निर्णय़ ले लिया है ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवानों को नौकरी देने के लिए सरकार ने कार्ययोजना तैयार कर ली है । जेपीएससी को जनवरी में परीक्षाओं को लेकर कैलेंडर जारी करने के निर्देश दे दिए गए हैं । इसके साथ ही नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाएगी । उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य है जो अपने विद्यार्थियों को विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृति देगा । इसके अलावा पांच हजार आदर्श विदालय, हर जिले में एक सीबीएसई आधारित विद्यालय संचालित करने के साथ शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में पहल शुरू कर दी गई है । संसाधनों को बढ़ाया जा रहा है । कर व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है, ताकि राजस्व में वृद्धि हो सके । इस राशि का इस्तेमाल राज्य के कल्याणकारी योजनाओं में किया जाएगा, ताकि आम लोगों को इसका लाभ मिल सके । उन्होंने यह भी कहा कि राज्य का विकास तभी संभव है, जब ग्रामीण इलाकों में समृद्धि आएगी । इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों में फेडरेशन के गठन के जरिए ग्रामीणों के आय़ को बढ़ाने की दिशा में कार्ययोजना तैयार कर ली गई है ।


मुख्यमंत्री ने कहा कि अब लोगों को जाति, आय़, जन्म, मृत्यु, आवासीय प्रमाण पत्र आदि बनाने में परेशानी नहीं उठानी होगी. सरकार ने झारसेवा अभियान शुरू किया है । इसके अंतर्गत ये प्रमाण पत्र आवेदन करने के 15 दिनों के अंदर जारी कर दिए जाएंगे. इसमें जो भी अधिकारी अथवा कर्मचारी विलंब करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी ।

मुख्यमंत्री ने समारोह में सरकार की पिछले एक साल की उपलब्धियों की जानकारी दी । उन्होंने कहा कि सरकार गठन के कुछ माह बाद ही कोरोना संक्रमण का दौर शुरू हो गया, लेकिन इस महामारी के बीच भी लोगों के लिए सरकार ने कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए. मनरेगा के तहत तीन ऩई योजनाएं शुरू करने के साथ किसानों, श्रमिकों औऱ पशुपालकों के लिए कई योजनाओं की शुरूआत हुई. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर विभिन विभागों की विभिन्न योजनाओं का उद्घघाटन, कई सेवाओं की लांचिंग और लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया ।

इस अवसर पर खाद्य-आपूर्ति एवं वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में पिछले एक वर्ष में राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्य प्रशंसनीय हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार जो वादा करती है उसे पूरा करने का भी काम कर रही है। कृषि ऋण माफी, वन पट्टा वितरण, 15 लाख नए राशन कार्ड, सड़क, बिजली पानी, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सहित सभी क्षेत्रों में सरकार ने पिछले एक वर्ष में सकारात्मक कार्य कर दिखाया है। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की सकारात्मक सोच एवं बेहतर कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के समय अमेरिका जैसा समृद्ध देश भी हिल गया था, ऐसे समय में राज्य सरकार ने प्रतिबद्धता दिखाते हुए झारखंड प्रदेश को पूरी तरह से संभालने का काम किया। मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि वर्षों से चली आ रही आदिवासी समुदाय की मांग ‘सरना धर्म कोड’ को राज्य सरकार ने विधानसभा से पारित कर केंद्र सरकार को अपनी अनुशंसा भेजी। वर्तमान समय में राज्य के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में सरना धर्म कोड को लागू करने को लेकर काफी खुशी दिखाई पड़ती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता दिखाते हुए सरना धर्म कोड की सौगात आदिवासी समुदाय को देने का काम किया है।

इस अवसर पर श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने स्वागत संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में राज्य प्रत्येक क्षेत्र में तीव्र गति से विकास कर रहा है। मुख्यमंत्री के दृढ़ इच्छाशक्ति की बदौलत कोरोना वैश्विक महामारी के संकट काल में झारखंड देश का ऐसा राज्य बना जो प्रवासी मजदूरों को बस, ट्रेन एवं हवाई जहाज के माध्यम से वापस घर लाने का कार्य कर दिखाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के कुशल नेतृत्व में कोरोना संकट काल में सिर्फ प्रवासी मजदूरों को घर लाने का काम ही नहीं बल्कि गरीब और जरूरतमंदों को तीन समय भरपेट भोजन की व्यवस्था करने का भी काम किया गया। मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि राज्य में वर्तमान सरकार के गठन के बाद से ही शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी सहित सभी क्षेत्रों में कई महत्वाकांक्षी योजनाओं पर कार्य प्रारंभ हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 रोजगार, विकास और खुशहाली का वर्ष होगा ऐसा हमें पूर्ण विश्वास है।

समारोह में मंत्री श्री बादल, पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह, कई सांसद एवं विधायक, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की धर्मपत्नी श्रीमती कल्पना सोरेन और मुख्य सचिव सुखदेव सिंह समेत कई वरीय अधिकारी मौजूद थे ।

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