रघु ठाकुर की पुस्तक गांधी – अम्बेडकर : कितने दूर कितने पास का विमोचन

सुभाष निगम/विजय शंकर

नयी दिल्ली । प्रख्यात समाजवादी चिंतक और विचारक रघु ठाकुर की पुस्तक गांधी – अम्बेडकर : कितने दूर कितने पास का विमोचन गांधी शांति प्रतिष्ठान दीनदयाल उपाध्याय मार्ग दिल्ली में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और इंदिरा गांधी कला केंद्र के अध्यक्ष श्री रामबहादुर राय ने कहा कि आजकल महात्मा गांधी के विचारों को खारिज करने की साजिश चल रही है। उन्होंने कहा कि रघु ठाकुर के लिए गांधी एक व्यक्ति नहीं विचार हैं, ठाकुर ने लगभग 75 साल की उम्र में 25 साल के रिसर्च स्कॉलर की तरह किताब में तथ्य दिए हैं। श्री राय ने अरुंधति रॉय की किताब एक था डॉक्टर एक था संत के बारे में बताते हुए कहा कि अरुंधति ने अपनी किताब में गांधी के बारे में शब्दों के साथ शरारत की है।

महात्मा गांधी ने डॉ. अम्बेडकर को उनका उचित स्थान दिलाया। महापुरुषों को हमें किस रूप में देखना चाहिए यह किताब हमें रास्ता बताती है। भाषण के अंत में उन्होंने रघु ठाकुर जी को बधाई देते हुए कहा कि इस किताब को भारत की हर भाषा में छपना चाहिए। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राज्यसभा सांसद श्री संजय सिंह ने पुस्तक के बारे में अपना मत व्यक्त किया और कहा, वर्तमान में गांधीजी के सपनों को तार – तार किया जा रहा है और संविधान के हर पन्ने को खत्म किया जा रहा है। जो लोग अहिंसा और संविधान के खिलाफ हैं वही लोग इस तरह की साजिश रच रहे हैं। आज देश को उन लोगों से ज्यादा खतरा है जो इन विचारों को कुचलना चाहते हैं। महात्मा गांधी धार्मिक थे लेकिन सांप्रदायिक नहीं थे, जो लोग धार्मिक नहीं होते हैं वही सांप्रदायिक हो सकते हैं। उन्होंने कहा रघु ठाकुर गांधी जी के जीवन को जीने वाले व्यक्ति हैं यह किताब महापुरुषों के विचारों को सही ढंग से समझने के लिए रास्ता प्रदान करेगी।

किताब के लेखक रघु ठाकुर ने अपना अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा, गांधी की हत्या के 73 वर्ष बाद भी महात्मा गांधी की हत्या का प्रयास चल रहा है। आज के युग में सोशल मीडिया पर गांधी- अम्बेडकर पर हो रहे हमले के बचाव की आवश्यकता है। गांधी- अम्बेडकर को एक दूसरे के विरुद्ध खड़ा करने वाले नहीं जानते कि अम्बेडकर का चर्चित भाषण “जाति का विनाश” को गांधी ने अपने अखबार में छापा था। मैंने अपनी किताब में लिखा है कि मुझे अरुंधति के प्रति कोई नाराजगी नहीं है। अगर वे मेरी किताब को ध्यान से पढ़ेंगी तो शायद उनके मन में भी गांधी में उतर जाएं। गांधी और अम्बेडकर एक हैं, अम्बेडकर का तन और गांधी का मन एक करदो दुनिया बदल जाएगी। अगर कॉर्पोरेट व्यवस्था से लड़ना है तो गांधी- अम्बेडकर को साथ लेकर चलना होगा। कार्यक्रम में गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत, पत्रकार संतोष भारती ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के महासचिव शिवगोपाल मिश्र, पत्रकार अजय तिवारी आदि अतिथिगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार जयंत सिंह तोमर ने किया एवं कार्यक्रम की स्वागताध्यक्ष श्रीमति अनीता सिंह ने सभी अथितियों का आभार प्रकट किया।आकार बुक्स के श्री के के सक्सेना श्री मुकेश चन्द्रा सुघर सिंह नेहरा एड्वोकेट अरुण प्रताप सिंह श्री दिलीप पांडे चीफ व्हिप् आप विधायक नरेश शर्मा अखिलेश त्रिपाठी रजनी राठी के सी पिप्पल नागर इमाम खान लखनऊ के एडवोकेट आई पी सिंह मुंबई के उमेश शर्मा कानपुर से दयाशकर शर्मा जमशेद अंसारी आएन पी सोनी केप्टिन शालिनी सिंह बुंदेलखण्ड विकास परिषद के श्री जैन विजय खैरा अवधेश चौबे सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

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