बिमल चक्रवर्ती

धनबाद : कार्मिक नगर दुर्गा मंदिर स्थित आठ दिवसीय भागवत कथा के पंचम दिन भगवान कृष्ण के जन्म लीला के बारे में बताया गया। कथावाचक सुरेंद्र हरिदास ने कहा कि मथुरा में राजा कंस के अत्याचारों से व्यथित होकर धरती की करुण पुकार सुनकर नारायण ने कृष्ण रूप में देवकी के अष्टम पुत्र के जन्म लेकर धर्म व प्रजा की रक्षा कर कंस का अंत किया। भगवान कृष्ण जन्म का प्रसंग सुनाते हुए भागवत के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया। कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के जीवन का भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलना बड़ा दुर्लभ है। जब भी हमें यह सुअवसर मिले। इसका सदुपयोग करना चाहिए। कथा सुनते हुए उसी के अनुसार कार्य करें। कथा का सुनना तभी सार्थक होगा जब उसके बताए हुए मार्ग पर चलकर परमार्थ का काम करें। कथावाचक ने रामकथा का संक्षिप्त में वर्णन करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम धरती को राक्षसों से मुक्त करने के लिए अवतार लिए थे। उसी प्रकार भगवान कृष्ण का जन्म राक्षसों का संघार करने के लिए हुआ था। इस अवसर पर कथा में भगवान कृष्ण का जन्मदिवस मनाया। समूचा पांडाल खुशी से झूम उठा। पांडालों में श्रद्धालु भगवान कृष्ण के जयकारे के साथ झूमते रहे। कार्यक्रम स्थल को विभिन्न प्रकार के रंगों के गुब्बारों से सजाया गया पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहा। इस दौरान नंद घर आनंद भयों, जय कन्हैया लाल की भजनों पर भाव विभोर होकर बधाईयों का दौर चला। इसके बाद कहा कि भगवान को बुलाने से कोई पूर्ण नहीं होता, भगवान को पहचानने से ही मोक्ष की प्राप्ती होती है। मौके पर सत्यदेव साव, बनारसी चौरसिया, मुरली मनोहर अग्रवाल, परमानंद प्रसाद, उपेंद्र मंडल, संतोष कुम्हार, अमित सिंह, अभिषेक रुडु, सत्यम रिटोरिया, लालटू चौधरी, राजू सिंह, रोहित साव, विवेक सिंह आदि मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *