रौषण
महुदा-(धनबाद) : महुदा क्षेत्र के बारकी बस्ती में कैंसर पीड़ित को इलाज के लिए किसी मसीहा का इंतजार। कैंसर से पीड़ित जवान बेटा का मां को अब किसी मसीहा का ही आसरा बचा है। आर्थिक रूप से कमजोर इस बूढ़े मां बाप के पास कोई विकल्प नहीं है। मामला बाघमारा प्रखंड के बारकी बस्ती का है। गुलाम सरवर मुंह के कैंसर की बीमारी से छः महीने से पीड़ित है। तमाम सरकारी अस्पतालों में इलाज करा चुका है। गुलाम सरवर का इलाज टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुम्बई से हो रहा था। लेकिन पैसे की अभाव के कारण फिलहाल उसका इलाज बन्द है। अस्पताल ने इलाज में एक लाख रुपया खर्च बताया है। इस गरीब परिवार के पास इलाज के पैसे नहीं है। क्योंकि कैंसर पीड़ित ही मनरेगा में मजदूरी करके घर चलाता था। वही मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार वालो का पेट पालता था। कैंसर पीड़ित के मां ने
कहा कि बेटा के इलाज के लिए कई लोगों से मदद की गुहार लगाई। सौ, पचास रुपया देकर कई लोगों ने मदद की। लेकिन इस गंभीर बीमारी में इतने पैसे किसी काम के नहीं है। आगे उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक से लेकर सांसद तक गुहार लगाई मगर किसी भी जनप्रतिनिधियों ने नहीं की कोई मदद। वहीं गांव के लोगों का कहना है कि छोटे बड़े जनप्रतिनिधियों के यहां भी चक्कर काट चुके है। पर कोई खास मदद नहीं हुआ। कैंसर पीड़ित की मां की माने तो वह इस मामले को लेकर बाघमारा विधायक ढुलू महतो से भी मिल चुकी है। वहां भी निराशा के अलावा कुछ हाथ नहीं लगा। उसकी मां रोते रोते कहती है कि पति भी बूढ़े हो चके है ये भी कहीं मेहनत नही कर पाते है। कभी कभी ऐसा होता है कि दवाई खरीद कर लाये की अनाज कुछ समझ मे नही आता। उन्होंने कहा कि इस गरीब दुखियारी की फरियाद कोई सुन ले और बेटा का इलाज में मदद करें। उसकी बूढ़ी आंखें मदद की आस में पथरा गई है।