- जातिगत जनगणना से सबके विकास को बल मिलेगा :नीतीश कुमार
- जदयू में केवल एक नेता नीतीश कुमार और केवल एक गुट नीतीश गुट:ललन सिंह
- पार्टी की मजबूती के लिए सीधा बूथ पर चलें:आरसीपी सिंह
विजय शंकर
पटना : जदयू मुख्यालय, पटना के कर्पूरी सभागार में राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की अध्यक्षता में जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबोधन में सर्वप्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को बधाई दी और सभी प्रस्तावों का सर्वसम्मति से अनुमोदन करने के लिए परिषद को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर जदयू को राष्ट्रीय बनाना है। इसके लिए चार राज्यों में पार्टी को मान्यता मिलना जरूरी है, हमें इस लक्ष्य को हासिल करना है। पार्टी के विस्तार और मजबूती के लिए सभी नेताओं को अन्य राज्यों में जाना चाहिए। जरूरत पड़ी तो मैं भी जाऊँगा।
श्री नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना को लेकर कहा कि यह बेहद जरूरी है। किस जाति की कितनी आबादी है, इसकी जानकारी मिल जाय तो सबके विकास को बल मिलेगा। जैसा कि कुछ लोग अफवाह फैलाते हैं, यह किसी के खिलाफ नहीं है। यह सबके पक्ष में है। जनसंख्या नियंत्रण पर उन्होंने कहा कि बाकी राज्य चाहें तो कानून बनाएं, हम तो बस लड़कियों को पढ़ा रहे हैं। इसके लिए महिलाओं का शिक्षित होना जरूरी है। साइकिल योजना से लेकर आरक्षण तक, आधी आबादी के सशक्तिकरण के लिए हमने हर काम किया है।
श्री नीतीश कुमार ने कहा कि पिछले 16 वर्षों में बिहार में जितने काम हुए हैं उसकी चर्चा लोगों के बीच करें। खासकर नई पीढ़ी के लोगों को प्रेरित करें। हमने समाज के हर तबके के लिए काम किया है। प्रेम और भाईचारा बनाकर रखा है। लोगों की सेवा ही हमारा धर्म है। बापू द्वारा बताए गए सात सामाजिक पापों की चर्चा करते हुए सभी राज्यों के अध्यक्ष से उन्होंने कहा कि अपने-अपने राज्य में इसका प्रचार करें।
पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व केन्द्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह ने कहा कि हमें सबसे अधिक ध्यान अपने संगठन पर देना होगा। ललन बाबू की ताकत तब बढ़ेगी जब हमारा बूथ अध्यक्ष मजबूत होगा। हमलोगों को सीधा बूथ पर चलना होगा। मणिपुर, उत्तर प्रदेश समेत तमाम राज्यों में हमें पूरी ताकत से चुनाव लड़ना है। झारखंड में भी पार्टी के लिए असीम संभावना है। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों में हमें न केवल अपने नेता के नेतृत्व में बिहार में हुए कार्यों की बल्कि केन्द्रीय मंत्री के रूप में उनके द्वारा किए गए कार्यों की भी चर्चा करनी चाहिए। देश की पहली कृषि नीति हो या रेलवे के 9 की जगह 16 जोन, ये उन्हीं की देन है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि हम अपने नेता के कामों की चर्चा करें तो सुबह से शाम हो जाएगी। देश और दुनिया के हर कोने में इनके प्रति सम्मान है। उनकी विजन, उनकी दृष्टि और उनके काम की कोई सानी नहीं। बस हमें इनके काम को घर-घर पहुंचा देना है। उन्होंने कहा कि पार्टी में बस एक नेता हैं और वो हैं नीतीश कुमार और बस एक गुट है और वो है नीतीश गुट। उन्होंने कहा कि हमें दो लक्ष्य पर काम करना है – पहला बिहार में संगठन को मजबूत कर 2010 के आंकड़े को पार करें और दूसरा, जदयू राष्ट्रीय पार्टी बने। पार्टी जितनी मजबूत होगी, हमारे नेता उतने ही मजबूत होंगे। इसके लिए सभी साथियों को एक सूत्र में बंधना होगा।
केन्द्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कामों की नकल अन्य राज्य करते हैं। जिन पांच राज्यों में चुनाव होने हैं, वहां गठबंधन की चिन्ता किए बगैर हमें तैयारी में जुट जाना चाहिए। हमारे नेता को बिहार से बाहर भी निकलना चाहिए। बिहार में जदयू को नंबर एक पार्टी बनाने और राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने का लक्ष्य जरूर पूरा होगा।
प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि आज देश की सभी पार्टियां जातिगत जनगणना के पक्ष में हैं। हमें बिहार समेत हर प्रदेश में इसके लिए पूरी ताकत से अभियान चलाना चाहिए। यह समूचे परिवर्तन की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि हम न केवल बिहार में पुराना गौरव हासिल करेंगे बल्कि जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, वहां भी मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
बैठक को हरिवंश, बशिष्ठ नारायण सिंह, बिजेन्द्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, संजय कुमार झा, अशोक कुमार चौधरी, गुलाम रसूल बलियावी, कमर आलम, मंगनी लाल मंडल, अली अशरफ फातमी, श्रीमती लेसी सिंह समेत 12 राज्यों के अध्यक्ष ने भी संबोधित किया।