बंगाल ब्यूरो
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में 2020 के बहुचर्चित विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद आज शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अहम सागठनिक बैठक करने जा रही हैं। चुनाव में जीत के बाद तृणमूल में सोनाली गुहा, सरला मुर्मू, अमल आचार्य जैसे नेताओं के घर वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं। इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा होने की बात कही जा रही है,जिसमें तृणमूल छोड़कर भाजपा में गए नेताओं की ‘घर-वापसी’, उपचुनाव व नगर निकाय चुनाव में पार्टी की रणनीति, सांगठनिक बदलाओ और एक नेता, एक पद जैसे विषय प्रमुख है। बैठक की अध्यक्षता खुद मुख्यमंत्री करेंगी।
बैठक में उनके सांसद भतीजा व युवा तृणमूल के अध्यक्ष अभिषेक बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर समेत सभी वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की संभावना है। कुछ नेताओं ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कुछ नए चेहरों को समायोजित करने के लिए पार्टी के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकायों में फेरबदल किया जाएगा। हालांकि इस पर औपचारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। पार्टी के सूत्रों ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेता जो चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए, वापस आने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं।
खबर है कि इस मुद्दे पर कोई समान नीति नहीं होगी बल्कि नेताओं की वापसी का फैसला केस-टू-केस के आधार पर किया जाएगा। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा,‘हम नेता के हर पहलू पर विचार करेंगे और उस व्यक्ति को फिर से पार्टी की छत्रछाया में लौटने की अनुमति देने से पहले स्थानीय नेताओं की राय भी लेंगे। तृणमूल के सूत्रों ने यह भी संकेत दिया है कि हाई वोल्टेज चुनावों ने इन दलबदलुओं और स्थानीय कार्यकताओं के बीच विश्वास की कमी पैदा की है। पार्टी सांसद अभिषेक बनर्जी द्वारा पेश किए गए एक नेता-एक पद के फॉमूर्ले के प्रस्ताव पर भी चर्चा कर सकती है, जिसमें मंत्री पद और प्रशासनिक जिम्मेदारियों वाले नेताओं को उनकी पार्टी की भूमिकाओं से मुक्त करने का प्रावधान रखा गया है।ऐसे कई भाजपा नेता हैं, जिन्होंने पार्टी में वापस आने की इच्छा व्यक्त की है। विधानसभा चुनाव में पार्टी का टिकट ना मिलने पर पार्टी छोड़ने वाली सोनाली गुहा ने कहा कि उन्होंने अत्यधिक भावनाओं और गुस्से में पार्टी छोड़ दी थी। अब उन्हें एहसास हुआ है कि उन्होंने बहुत बड़ी गलती की है। इसी तरह से सरला मुर्मू से लेकर अमल आचार्य व अन्य नेता शामिल हैं।
हालांकि, पार्टी की ओर से अभी तक इस पत्र की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा,‘जब पार्टी मुश्किल में थी तब उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और अब वे वापस आना चाहते हैं। मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता क्योंकि इस मुद्दे पर कोई नीतिगत फैसला नहीं हुआ है। पार्टी इन लोगों का भविष्य तय करेगी।’ मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने भवानीपुर सीट के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी ने कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है कि सुश्री बनर्जी अपनी पुरानी भवानीपुर सीट से फिर से चुनाव लड़ेंगी।
इसी तरह, कोविड से दो प्रत्याशियों की मौत होने की वजह से मुर्शिदाबाद की दो सीटों पर चुनाव नहीं हो सका है, चुनाव बाद व मतगणना से पहले खड़दा सीट से तृणमूल प्रत्याशी की काजल सिन्हा की मौत हो गई थी। हालांकि वेे चुनाव जीत गए थे। जिस वजह से यह सीट भी रिक्त है। वहीं भाजपा के दो सांसदों निशिथ प्रमाणिक और जगन्नाथ सरकार के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में अभी पांच विधानसभा सीटें रिक्त हैं जहां उपचुनाव होना है। इन सभी को लेकर अहम रणनीति बनाई जाएगी।