रांची ब्यूरो 

रांची : राज्यपाल-सह-झारखण्ड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि वर्तमान में नोवेल कोरोना वायरस के मद्देनज़र विद्यार्थियों के सत्र नियमितीकरण हेतु ऑनलाइन क्लास ही विकल्प दिख रहा है। लेकिन इस क्रम में यह भी ध्यान रखना होगा कि बच्चों में नकल की कुप्रथा न विकसित हो। हमें इस प्रकार परीक्षा लेने की दिशा में और ऐसा प्लेटफॉर्म विकसित करने पर ध्यान देगा जहाँ विद्यार्थी नकल न कर सके, चीटिंग न कर सके। राज्यपाल ने आज विडियोकॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से विभिन्न विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक एवं प्रशासनिक कार्यों की समीक्षा कर रही थी।

विडियोकॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित इस उच्चस्तरीय बैठक में अपर मुख्य सचिव, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग श्री के.के. खण्डेलवाल, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव शैलेश कुमार सिंह, राज्य में स्थित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति/प्रभारी कुलपति एवं अन्य पदाधिकारीगण मौजूद थे।

 राज्यपाल महोदया ने विद्यार्थियों को बेहतर तरीके से ऑनलाइन क्लास लेने पर जोर दिया। उन्होंने ऑनलाइन क्लास में लगातार अनुपस्थित रहनेवाले विद्यार्थियों की समस्या सुनने और काउंसलिंग करने हेतु निदेश दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षक Youtube पर भी अपने व्याख्यान को अपलोड कर सकते हैं ताकि आधिकाधिक विद्यार्थी लाभान्वित हो सकें।

      राज्यपाल द्वारा उक्त अवसर पर सभी विश्विद्यालयों के सत्र नियमितीकरण की समीक्षा की गई। इस अवसर पर चांसलर पोर्टल की भी समीक्षा की गई। राज्यपाल महोदया ने कहा कि कोरोनाकाल जैसी चुनौतीपूर्ण समय में विश्वविद्यालय सामाजिक दायित्वों का अहम भूमिका का निर्वहन कर सकता है। लोगों को कोविड के अनुकूल आचरण व व्यहवार करने हेतु प्रेरित कर सकते हैं। वैक्सीनेशन के लिये कैम्प के आयोजन और लोगों में जागरुकता लाने में विश्वविद्यालय प्रेरणादायी भूमिका का निर्वहन कर सकता है। विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा मास्क वितरण कार्यक्रम, Sop लेवल की जानकारी, ऑक्सीजन सिलेंडर वितरण, वैक्सीनेशन कार्यक्रम में दिये गए योगदानों की जानकारी दी।

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