पटना। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद आरसीपी सिंह ने रविवार को प्रदेश कार्यालय के सभागार में मनाई गई सावित्री बाई फुले की जयंती के अवसर पर कहा कि सावित्री बाई फुले भारत की प्रमुख समाज-सुधारक, शिक्षाविद् और कवयित्री थीं। उनके पति महात्मा ज्योतिबा फुले भी इन तीनों गुणों से संपन्न थे। भारतीय इतिहास में पति-पत्नी की यह जोड़ी समाजसेवा के लिए समर्पित थी। सावित्री बाई फुले को देश की प्रथम महिला शिक्षिका के रूप में याद किया जाता है।
सावित्री बाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 ई. को महाराष्ट्र के सतारा जिले के नयागांव में हुआ था। यह स्थान पूना से कोई 50 किलोमीटर की दूरी पर है। अपने माता-पिता की वह सबसे बड़ी संतान थीं। उनकी मां का नाम लक्ष्मी और पिता का नाम कांधोजी नेवासे पाटिल था, जो माली समुदाय से आते थे। आज भी वे भारतीय महिलाओं के लिए आदर्श हैं। वे पहली भारतीय महिला शिक्षिका और प्रधानाध्यापिका हैं। उनके जन्मदिन पर 3 जनवरी को पूरे महाराष्ट्र में बालिका दिवस मनाया जाता है।
उक्त अवसर पर सांसद चन्देश्वर प्रसाद चन्द्रवंशी, पूर्व विधायक डॉ. रंजू गीता, अंजुम आरा, श्वेता विश्वास, भारती मेहता, राष्ट्रीय सचिव रवीन्द्र प्रसाद सिंह, संजय कुमार सिंह गांधी जी, डॉ. नवीन कुमार आर्य, अनिल कुमार, परमहंस कुमार, मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह, मृत्युंजय कुमार सिंह, अरविन्द निषाद, संजय मालाकार, राजेश पाल, बबन कुशवाहा सहित सैंकड़ों नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने सावित्री बाई फुले के चित्र पर मार्ल्यापण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया।