Navrashtra media bureau
पटना 11 जनवरी । जद (यू0) राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने लालू प्रसाद यादव के ट्वीट पर जमकर निशाना साधा और कहा कि बिहार की बर्बादी के नायक लालू प्रसाद यादव को विकासपुरुष मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अगुवाई में बना विकसित बिहार दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि दरअसल परिवारवाद का चश्मा आंखों पर चढ़ाए लालू प्रसाद यादव को अपने बेटे-बेटियों की भलाई से आगे कुछ दिखाई नहीं देता है। हालत ये है कि विधानसभा उप चुनाव में आरजेडी को मिली करारी हार के बाद उन्हें राजनीतिक तौर पर नजरबंद कर दिया गया है और वो इससे निकलने की छटपटाहट में लोगों को भरमाने वाला बयान दे रहे हैं।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने लालू प्रसाद यादव को याद दिलाते हुए पूछा कि उनके और राबड़ी देवी के 1990 से लेकर साल 2005 तक के शासनकाल में आलम ये था कि लोग डर से घरों से नहीं निकल पाते थे। आज भी दलितों और दूसरी जातियों के साथ हुए नरसंहार की कहानी को कोई नहीं भूल सका है। लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के शासनकाल में हुए दंगों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उस दौरान नरसंहारों में 812 लोग मारे गए। लालू प्रसाद यादव के कुशासन के दौरान राज्य में कुल 67 हजार 249 लोगों की हत्याएं हुईं, 12 हजार 827 महिलाओं के साथ दुष्कर्म जैसी दुखद घटनाएं हुईं, फिरौती के लिए 5 हजार 243 लोगों का अपहरण हुआ। लालू प्रसाद यादव से सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि क्या लालू प्रसाद यादव अपने शासनकाल की सच्चाई को भूल गए?
लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के 15 सालों के कुशासन के दौरान बेरोजगारी और की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उस दौरान बीपीएससी द्वारा महज 19 हजार 538 नियुक्तियां की गई जबकि महज 33 हजार 499 शिक्षकों का नियोजन हुआ। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार सरकार से तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि आज बिहार में उनकी अगुवाई में करीब 9 लाख 6 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी देने काम पूरा कर लिया गया है जबकि 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने 10 लाख सरकारी नौकरी देने के वादे से ज्यादा करीब 12 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने पर काम किया जा रहा है। वहीं विधानसभा चुनाव से पहले अपने 24 लाख लोगों को रोजगार देने के वादे से आगे बढ़कर करीब 34 लाख लोगों को रोजगार देने पर काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि साल 1990 से लेकर साल 2005 तक लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के शासन काल में जहां राज्य में उद्योग धंधे चैपट हो चुके थे, लोगों के पास रोजगार नहीं था, उद्योगपति डर के मारे राज्य से पलायन कर गए थे वहां आज औद्योगिक क्षेत्र में भी बिहार नई ऊंचाइयां छू रहा है। हाल ही में पटना में आयोजित बिजनेस मीट में करीब 1 लाख 80 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों के एमओयू पर हस्ताक्षर होना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 20 सालों बिहार में बिहार में प्रति व्यक्ति आय करीब 745 प्रतिशत बढ़ी है साथ ही बिहार आज विकास दर में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला राज्य है। वर्तमान समय में राज्य में प्रति व्यक्ति आय 66 हजार 828 रूपये हो चुकी है,जो साल 2005 में केवल 7 हजार 914 रुपए थी।
बिजली की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जिस बिहार में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के शासनकाल में महज 700 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती थी और राज्य की राजधानी पटना को महज 7-8 घंटे बिजली नसीब हुआ करती थी उस बिहार में आज माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के शासनकाल में आज 8 हजार मेगावाट से ज्यादा बिजली की आपूर्ति हो रही है और पटना में 24 घंटे बिजली उपलब्ध करायी जा रही है।
लालू प्रसाद यादव को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार सरकार पर सवाल उठाने से पहले उन्हें अपने और अपनी पत्नी के शासनकाल में बिहार की बर्बादी की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और बिहार की जनता से माफी मांगनी चाहिए। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि 2025 के विधानसभा चुनाव में जनता आरजेडी को राजनीतिक सबक सिखाने का काम करेगी और तेजस्वी यादव को नेता प्रतिपक्ष बनने लायक सीटें भी नहीं मिल सकेगी।