दुर्गापूजा केवल त्यौहार नहीं, एक भावना है जो सबको एकजुट करती है:सीएम ममता 

बंगाल ब्यूरो 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मनाई जाने वाली ‘दुर्गा पूजा’ को वैश्विक पहचान मिली है। संयुक्त राष्ट्र संघ की कल्चर यूनिट यूनेस्को ने बुधवार को बंगाल की दुर्गा पूजा को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल करने का ऐलान किया है। इससे बंगाल के लोगों में खुशी की लहर है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने ही यूनेस्को से दुर्गा पूजा को विरासत की सूची में शामिल करने का आवेदन किया था। अब यूनेस्को ने इस आवेदन को स्वीकार कर लिया है। इससे बंगाल की दुर्गा पूजा को विश्व स्तर पर मान्यता मिल गई है।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा का त्यौहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है। 10 दिनों तक चलने वाले इस महा आयोजन में बनने वाले भव्य और विशाल पंडालों को देखने के लिए न केवल भारत बल्कि देश दुनिया से लाखों लोग हर साल बंगाल आते हैं। हजारों सालों से बंगाल की संस्कृति में दुर्गा पूजा का खास महत्व रहा है।

दुर्गापूजा केवल त्यौहार नहीं, एक भावना है जो सबको एकजुट करती है:सीएम ममता 

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की ऐतिहासिक दुर्गा पूजा को संयुक्त राष्ट्र संघ की कल्चरल इकाई यूनेस्को द्वारा विरासत की सूची में शामिल करने की घोषणा से गदगद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे गर्व का पल करार दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि दुर्गा पूजा केवल त्यौहार नहीं है बल्कि ऐसा इमोशन है जो सबको एकजुट करता है।
यूनेस्को द्वारा दुर्गा पूजा को वैश्विक पहचान देते हुए इसे मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल करने की घोषणा करते ही ममता ने बुधवार देर शाम ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने लिखा है, “बंगाल के लिए यह गर्व का क्षण है। दुनिया भर में रहने वाले हर बंगाली के लिए दुर्गा पूजा एक त्यौहार से कहीं अधिक है। यह एक ऐसा भावना (इमोशन) है जो सभी को एकजुट करती है। अब दुर्गा पूजा को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में जोड़ा गया है। हम सब खुशी से झूम रहे हैं।”
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने ही संयुक्त राष्ट्र संघ को पत्र लिखकर दुर्गा पूजा को यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल करने की अर्जी लगाई थी।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *